करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारत-जर्मनी रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा समझौते: सामरिक और पर्यावरणीय सहयोग की नई दिशा भूमिका 21 अक्टूबर 2025 का दिन भारत-जर्मनी संबंधों में एक नई ऊँचाई लेकर आया। नई दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने रक्षा, साइबर सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा , विशेषकर ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी न केवल आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से बल्कि वैश्विक पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं और क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में भी ऐतिहासिक है। भारत की ‘ मेक इन इंडिया ’ पहल और जर्मनी की ‘ फोकस ऑन इंडिया ’ रणनीति इन समझौतों की बुनियाद में हैं। दोनों देशों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वे न केवल व्यापारिक भागीदार हैं, बल्कि जलवायु, तकनीक और सुरक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोगी बनना चाहते हैं। प्रमुख समझौते और उनका महत्व रॉयटर्स की रिपोर्ट (21 अक्टूबर 2025) के अनुसार, भारत और जर्मनी ने दो मुख्य क्षेत्रों — रक्षा सहयोग और नवीकरणीय ऊर्जा — में नए अध्याय खोले हैं। (1) रक्षा सहयोग दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण, और...