करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
🌍 वैश्विक तापमान वृद्धि और प्रवाल भित्तियों का अपरिवर्तनीय क्षय: जलवायु संकट का पहला टिपिंग पॉइंट 🔸 परिचय पृथ्वी का तापमान जिस तीव्रता से बढ़ रहा है, वह अब केवल मौसम की बात नहीं रही, बल्कि मानव सभ्यता के अस्तित्व से जुड़ी चुनौती बन चुकी है। रॉयटर्स की हालिया रिपोर्ट (2025) के अनुसार, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि विश्व की प्रवाल भित्तियाँ (Coral Reefs) — जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का आधार मानी जाती हैं — अब लगभग अपरिवर्तनीय क्षय की स्थिति में पहुँच चुकी हैं। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में पहले वैश्विक “टिपिंग पॉइंट” के रूप में देखी जा रही है — अर्थात वह बिंदु जहाँ पर्यावरणीय प्रणालियाँ इतनी असंतुलित हो जाती हैं कि वापसी असंभव हो जाती है। 🔸 वैश्विक तापमान वृद्धि और “टिपिंग पॉइंट” की अवधारणा मानवजनित ग्रीनहाउस गैसों — विशेषकर कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄) और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) — के तीव्र उत्सर्जन ने पृथ्वी की ऊष्मा को अवशोषित कर तापमान को निरंतर बढ़ाया है। 2015 का पेरिस समझौता इस तापमान वृद्धि को औद्योगिक-पूर्व स्तर से 1.5°C तक सीमित रखने का लक्ष्य ...