करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की दुर्दशा: बदलता अमेरिका-पाकिस्तान संबंध और मानवता की परीक्षा (An analytical editorial for UPSC GS Paper 2 & IR) प्रस्तावना: भू-राजनीति और मानवता के बीच फंसे लोग 2021 में अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के बाद जो राजनीतिक, मानवीय और सुरक्षा संकट उत्पन्न हुआ, वह अब केवल अफगान सीमाओं तक सीमित नहीं रहा है। पाकिस्तान में रह रहे लाखों अफगान शरणार्थी इस संकट का सबसे भीषण रूप झेल रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तान द्वारा इन शरणार्थियों को बड़े पैमाने पर निर्वासित करने का निर्णय न केवल एक मानवीय त्रासदी को जन्म देता है, बल्कि यह बदलते अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों की जटिलता और वैश्विक उत्तरदायित्वों की कमजोर पड़ती भावना को भी उजागर करता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: पाकिस्तान और अफगान शरणार्थियों का लंबा रिश्ता अफगान शरणार्थियों की कहानी 1979 से शुरू होती है, जब सोवियत संघ के आक्रमण के बाद लाखों अफगान पाकिस्तान में शरण लेने को विवश हुए। पिछले चार दशकों में पाकिस्तान ने लगभग 40 लाख अफगानों को शरण दी—यह विश्व के सबसे लंबे शरणार्थी मेजबानी अनुभवों में से एक रहा। ह...