करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारतीय रिज़र्व बैंक का नया मौद्रिक मोड़: रेपो दर 5.25% — विकास की बदलती लय का संकेत — एक अवधारणात्मक व UPSC उन्मुख विश्लेषण प्रस्तावना: जब अर्थव्यवस्था संतुलन की दुर्लभ अवस्था में हो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने दिसंबर 2025 की मौद्रिक नीति बैठक में रेपो दर को 25 आधार अंकों की कटौती कर 5.25% पर ला दिया। पहली नज़र में यह केवल एक तकनीकी परिवर्तन लगता है, पर वास्तव में यह भारत की आर्थिक दिशा में एक गहरे बदलाव का संकेत है। मुद्रास्फीति दो दशक के निम्न स्तरों के करीब है, आर्थिक विकास 7% से ऊपर टिके रहने के संकेत दे रहा है, और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है। RBI गवर्नर संजय मालवीय ने इसे भारत का “गोल्डीलॉक्स क्षण” कहा—एक ऐसा समय जहाँ अर्थव्यवस्था तेज़ चल रही है, और तापमान यानी महँगाई नियंत्रित है। UPSC के नज़रिए से यह वह क्षण है जब मौद्रिक नीति केवल प्रतिक्रियात्मक न रहकर रणनीतिक हो जाती है। 1. निर्णय की पृष्ठभूमि: संख्याएँ जो कहानी कहती हैं मुद्रास्फीति का 0.25% तक गिर जाना केवल एक आँकड़ा नहीं, बल्कि यह बताता है कि खाद्य आपूर्ति बेहतर रही, वैश्विक तेल की...