करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
इजरायल की गाजा में नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने की दायित्व: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का परामर्शी मत परिचय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice – ICJ), जो संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च न्यायिक निकाय है, ने हाल ही में एक ऐतिहासिक परामर्शी मत (Advisory Opinion) जारी किया है। इस मत में न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि गाजा पट्टी में रहने वाली नागरिक आबादी की मूलभूत आवश्यकताओं को सुनिश्चित करना इजरायल का अंतरराष्ट्रीय दायित्व है। यह परामर्शी मत न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (International Humanitarian Law) की व्याख्या को गहराता है, बल्कि यह वैश्विक नैतिकता, मानवाधिकारों की रक्षा, और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा की अवधारणा को भी सशक्त करता है। पृष्ठभूमि और संदर्भ गाजा पट्टी दशकों से इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का केंद्र रही है। 2007 में हमास के नियंत्रण में आने के बाद से, इजरायल ने गाजा पर सख्त नाकाबंदी (Blockade) लागू की हुई है। इस नाकाबंदी के कारण गाजा में भोजन, बिजली, दवाइयाँ, स्वच्छ जल और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी बनी रहती है। ...