करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Impeachment of Peru’s President Dina Boluarte Amid Crime Wave: Corruption, Crisis, and Political Turmoil
पेरू में अपराध की लहर के बीच राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे पर महाभियोग: भ्रष्टाचार संकट और सत्ता परिवर्तन सारांश 10 अक्टूबर 2025 को पेरू की कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे को पद से हटाए जाने की घटना न केवल एक व्यक्ति की राजनीतिक पराजय का प्रतीक है, बल्कि यह पेरू की गहरी संस्थागत अस्थिरता, व्यापक अपराध संकट और भ्रष्टाचार की जड़ों को भी उजागर करती है। अपराध की बढ़ती घटनाओं, “रोलेक्सगेट” जैसे भ्रष्टाचार घोटालों, और शासन में जनता के घटते विश्वास ने कांग्रेस को सर्वसम्मति से महाभियोग के लिए प्रेरित किया। यह लेख इस राजनीतिक घटनाक्रम को सामाजिक, राजनीतिक और अपराध-वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषित करता है। इसमें तर्क दिया गया है कि यद्यपि महाभियोग असाधारण संसदीय एकजुटता का उदाहरण है, परंतु बिना संरचनात्मक सुधारों के यह केवल अस्थायी राहत प्रदान करेगा और अस्थिरता के दुष्चक्र को बनाए रखेगा। परिचय पेरू पिछले एक दशक से राजनीतिक अस्थिरता का पर्याय बन चुका है। केवल आठ वर्षों में देश ने छह राष्ट्रपतियों को बदलते देखा है—जो लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ता और विधायी प्रभुत्व का प्रमाण है। 10 अक्...