करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
प्रधानमंत्री मोदी की आसियान शिखर सम्मेलन में गहन सांस्कृतिक संबंधों की अपील: एक विश्लेषणात्मक दृष्टि प्रस्तावना आसियान (ASEAN - Association of Southeast Asian Nations) शिखर सम्मेलन केवल आर्थिक या रणनीतिक संवाद का मंच नहीं है, बल्कि यह साझा सभ्यताओं के बीच पुल का कार्य भी करता है। 2025 के आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभासी संबोधन इसी दृष्टिकोण को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा — “हम केवल व्यापारिक साझेदार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक सहयोगी भी हैं।” यह कथन भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच हजारों वर्षों पुराने ऐतिहासिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सशक्त संदेश देता है। मोदी का यह वक्तव्य उस नीति-परिवर्तन का प्रतीक है जो भारत की विदेश नीति को केवल भू-राजनीतिक रणनीति तक सीमित न रखकर सभ्यतागत कूटनीति की दिशा में आगे बढ़ा रहा है। 1. सांस्कृतिक बंधनों का ऐतिहासिक आधार भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच सांस्कृतिक संपर्क का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, और वैदिक परंपराएँ न केवल धार्मिक रूप...