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Showing posts with the label आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक 2025

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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Economic Freedom Index 2025: India's Ranking, Insights, and Global Perspective

आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक 2025: भारत और वैश्विक परिप्रेक्ष्य आर्थिक स्वतंत्रता किसी भी देश की आर्थिक समृद्धि और विकास का आधार होती है। यह व्यक्तियों और व्यवसायों को अपनी आर्थिक गतिविधियों को स्वतंत्र रूप से संचालित करने की क्षमता प्रदान करती है, जिसमें श्रम, पूंजी और संपत्ति पर नियंत्रण शामिल है। हेरिटेज फाउंडेशन और वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा प्रकाशित आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक (Index of Economic Freedom) 2025 दुनिया भर के 184 देशों में इस स्वतंत्रता के स्तर को मापता है। यह सूचकांक 12 कारकों—जैसे संपत्ति अधिकार, भ्रष्टाचार से मुक्ति, सरकारी खर्च, व्यापार स्वतंत्रता, निवेश स्वतंत्रता, और वित्तीय स्वतंत्रता—के आधार पर देशों को 0 से 100 के पैमाने पर स्कोर देता है। यह निबंध 2025 की इस रिपोर्ट के वैश्विक रुझानों, भारत की स्थिति, और आर्थिक स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डालता है। आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक का महत्व आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक केवल एक रैंकिंग तालिका नहीं है, बल्कि यह देशों की आर्थिक नीतियों और उनके नागरिकों की समृद्धि के बीच संबंध को दर्शाता है। उच्च आर्थिक स्वतंत्रता वाले देशों...

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