करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
The Slow Decline of Traditional Stardom: How OTT, Social Media, and Content-Driven Cinema Are Reshaping the Future of Films
सिनेमा में स्टारडम का क्षरण: बदलते समय की एक सांस्कृतिक व्याख्या सिनेमा की दुनिया में “स्टार” हमेशा से एक चमकता हुआ मिथक रहा है—एक ऐसा आकर्षण जो दर्शकों को कहानी से पहले स्क्रीन पर दिखाई देने वाले चेहरे के प्रति खींच ले जाता था। भारतीय और वैश्विक फिल्म इतिहास में कई दशक ऐसे रहे हैं जब किसी फिल्म की सफलता का सबसे बड़ा पैमाना उसका अभिनेता होता था। हालांकि, 21वीं सदी के तीसरे दशक में यह परिदृश्य निर्णायक रूप से बदल रहा है। डिजिटल क्रांति, दर्शकों की परिपक्वता, ओटीटी का उदय और कंटेंट-आधारित कथा-परंपराओं ने पारंपरिक स्टारडम को धीरे-धीरे पीछे धकेल दिया है। प्रश्न यह नहीं है कि स्टारडम खत्म क्यों हो रहा है, बल्कि यह है कि उसकी संरचना किस प्रकार नए रूप में विकसित हो रही है। स्टारडम का पुराना मॉडल: रहस्य, दूरी और आकर्षण बीते समय में स्टारडम केवल अभिनय कौशल का परिणाम नहीं था; यह सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक संरचनाओं का सम्मिश्रण था। भारत में 1950–90 के दशक के बीच राज कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार और बाद में अमिताभ बच्चन ने जिस तरह का रुऔब स्थापित किया, वह स्क्रीन और समाज दोनों में प्रभाव पैद...