करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारत–न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक साझेदारी का नया अध्याय 22 दिसंबर 2025 को भारत और न्यूजीलैंड ने जिस मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ताओं को सफलतापूर्वक संपन्न करने की घोषणा की, वह केवल एक द्विपक्षीय व्यापारिक करार नहीं है, बल्कि बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में दोनों लोकतांत्रिक देशों की साझा रणनीतिक समझ का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच टेलीफोनिक वार्ता के बाद सामने आया यह निर्णय रिकॉर्ड नौ महीनों में वार्ताओं के पूर्ण होने का प्रमाण है—जो भारत की नई व्यापार कूटनीति की गति, स्पष्टता और उद्देश्यबोध को रेखांकित करता है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक व्यापार संरक्षणवाद, भू-राजनीतिक तनावों और आपूर्ति शृंखला व्यवधानों से जूझ रहा है। ऐसे में भारत–न्यूजीलैंड FTA न केवल आर्थिक अवसरों का द्वार खोलता है, बल्कि नियम-आधारित वैश्विक व्यापार व्यवस्था में विश्वास को भी सुदृढ़ करता है। पृष्ठभूमि: सीमित व्यापार से व्यापक साझेदारी की ओर भारत और न्यूजीलैंड के संबंध ऐतिहासिक रूप से मैत्रीपूर्ण रहे है...