करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
महाराष्ट्र सरकार का निर्णय: कार्य घंटे बढ़ाने पर बहस (UPSC GS पेपर 2 एवं 3 के दृष्टिकोण से संपादकीय विश्लेषण) प्रस्तावना हाल ही में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने एक अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के अधिकतम कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे प्रतिदिन करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह बदलाव केवल राज्य स्तरीय औद्योगिक नीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े श्रम अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, श्रमिक कल्याण और आर्थिक उत्पादकता जैसे व्यापक मुद्दे भी उठते हैं। UPSC की दृष्टि से यह निर्णय राज्य नीति, श्रम कानून सुधार, श्रम बाजार लचीलापन, तथा सामाजिक न्याय से संबंधित प्रश्नों को समझने का अवसर प्रदान करता है। पृष्ठभूमि: भारत में श्रम कानून और कार्य समय भारतीय श्रम कानून ऐतिहासिक रूप से श्रमिक कल्याण पर आधारित रहे हैं। Factories Act, 1948 और बाद में आए Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 के तहत कार्य समय और कार्य की परिस्थितियों को नियमित किया गया है। सामान्यतः कार्य घंटे 8 घंटे प्रतिदिन और 48 घंटे प्रति सप्ताह तय किए जाते हैं। ...