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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

भारत का दुग्ध क्षेत्र: विकास, चुनौतियां और भविष्य की दिशा | Dairy Sector in India 2025 Analysis

भारत का दुग्ध क्षेत्र: विकास, चुनौतियां और भविष्य की दिशा भारत आज दूध उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश है। जो देश कभी दूध की कमी से जूझता था, वही अब वैश्विक दुग्ध उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत योगदान देता है। यह उपलब्धि केवल उत्पादन की नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की कहानी भी है। दुग्ध क्षेत्र ने करोड़ों किसानों—विशेषकर महिलाओं—को आर्थिक आत्मनिर्भरता और पोषण सुरक्षा से जोड़ा है। 1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विकास का सफर भारत की दुग्ध क्रांति की नींव “ऑपरेशन फ्लड” (1970) से पड़ी, जिसे ‘सफेद क्रांति’ के नाम से जाना जाता है। डॉ. वर्गीज कुरियन की अगुवाई में अमूल मॉडल पर आधारित इस अभियान ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन दिया। 2014-15 में भारत का दूध उत्पादन 146.3 मिलियन टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 239.3 मिलियन टन हो गया — लगभग 63.5 प्रतिशत की वृद्धि। इस अवधि में वार्षिक औसत वृद्धि दर 5.69 प्रतिशत रही, जबकि विश्व औसत मात्र 2 प्रतिशत है। 2024-25 के लिए अनुमानित उत्पादन 254 मिलियन टन से अधिक है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी तेजी से बढ़ी है— 2014-15 के 319 ग्...

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