करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
पाकिस्तान में सैन्य संरचना का पुनर्गठन: जनरल सैयद आसिम मुनीर और शक्ति के केंद्रीकरण की नई परिघटना भूमिका: सुरक्षा सुधार या संवैधानिक सैन्यीकरण? दिसंबर 2025 में पाकिस्तान ने अपनी सैन्य-संवैधानिक संरचना में ऐसा परिवर्तन किया है, जिसने देश के सिविल-मिलिट्री संतुलन पर नई बहस छेड़ दी है। सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर को “चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF)” के रूप में नियुक्त किया जाना केवल एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में शक्ति के केंद्रीकरण की एक निर्णायक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। 27वें संविधान संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 243 में किए गए बदलावों ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना—तीनों को एक ही सैन्य नेतृत्व के अधीन ला दिया है। जहाँ सरकार इसे आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप इंटीग्रेटेड कमांड स्ट्रक्चर बताती है, वहीं आलोचक इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं के क्षरण और सैन्य वर्चस्व के संवैधानिक स्थायीकरण के रूप में देख रहे हैं। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: सेना और सत्ता का सहजीवी संबंध पाकिस्तान का इतिहास इस तथ्य का साक्षी रहा है कि वहाँ सेना केवल एक सुरक्षा...