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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

India’s Economic Growth Outlook 2025: IMF Highlights Resilience Amid Global Uncertainty

भारत की आर्थिक वृद्धि का परिदृश्य: आईएमएफ की अक्टूबर 2025 रिपोर्ट से उदित आख्यान प्रस्तावना हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट केवल आंकड़ों की घोषणा नहीं करती, बल्कि वह विश्व अर्थव्यवस्था की नब्ज़ टटोलती है। अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट भी इसी परंपरा का हिस्सा है — लेकिन इस बार इसमें भारत की कहानी कुछ अलग ढंग से उभरती है। वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं, अमेरिकी टैरिफ नीति की धमकियों और यूरोपीय मंदी की पृष्ठभूमि में, भारत का 6.6% की अनुमानित वृद्धि दर हासिल करना आशा की किरण जैसा है। यह अनुमान अप्रैल 2025 की तुलना में 0.2 प्रतिशत अंक की वृद्धि दिखाता है, जबकि 2026 के लिए इसे मामूली रूप से घटाकर 6.2% किया गया है — मानो रिपोर्ट कह रही हो कि भारत की रफ़्तार मजबूत है, पर मंज़िल तक का रास्ता अब भी चुनौतीपूर्ण है। दुनिया भर में जहां 2025 की वैश्विक वृद्धि दर 3.2% और 2026 में 3.1% रहने की संभावना है, वहीं भारत का यह दोगुनी गति से बढ़ना केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक वैचारिक परिवर्तन का संकेत है — जहां विकास सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक, तकनीकी और ...

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