करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
मरिया कोरिना मचाडो: साहस, लोकतंत्र और आशा की प्रतीक 10 अक्टूबर 2025 को जब नॉर्वे की नोबेल समिति ने वेनेजुएला की विपक्षी नेता मरिया कोरिना मचाडो को इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की, तो यह केवल एक व्यक्ति को मिला सम्मान नहीं था—यह एक राष्ट्र के टूटे हुए सपनों, संघर्षरत नागरिकों और स्वतंत्रता की चाह में जलती उम्मीदों का वैश्विक स्वीकार था। मचाडो की यह उपलब्धि उन सभी आवाज़ों की जीत है, जो दमन के बावजूद मौन नहीं हुईं। लोकतंत्र की लौ जलाए रखने वाली महिला मरिया कोरिना मचाडो का नाम आज विश्वभर में लोकतंत्र की जिजीविषा का प्रतीक बन गया है। इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करने के बाद जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा, तब वेनेजुएला पहले से ही अधिनायकवाद की ओर फिसल रहा था। ह्यूगो शावेज और बाद में निकोलस मादुरो के शासनकाल में लोकतांत्रिक संस्थाओं का क्षरण, मीडिया पर नियंत्रण, और विपक्ष पर दमन ने देश को भय और असमानता के अंधकार में धकेल दिया। मचाडो ने सुमाते नामक संगठन की स्थापना कर नागरिकों में लोकतांत्रिक चेतना जगाई — एक ऐसा कदम जिसने शासन को असहज कर दिया। उनके खिलाफ राजनीत...