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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

The Abbottabad Mystery: Osama's Killing and Pakistan's National Humiliation

अबॉटाबाद का रहस्य: एक राष्ट्रीय अपमान की कहानी सन् 2011 की एक काली रात थी। आसमान में बादल छाए थे, और पाकिस्तान के अबॉटाबाद शहर में सन्नाटा पसरा था। यह छोटा-सा शहर, जो हरे-भरे पहाड़ों और सैन्य अकादमी की शान के लिए जाना जाता था, उस रात दुनिया की नजरों में आ गया। एक हवेली, जो बाहर से साधारण-सी दिखती थी, लेकिन अंदर छिपा था दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी—ओसामा बिन लादेन। और उस रात, अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस के हेलीकॉप्टरों ने चुपके से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किया, बिना किसी को खबर दिए। कुछ ही घंटों में, बिन लादेन मारा गया, और उसका शव समुद्र की गहराइयों में दफन हो गया। लेकिन इस घटना ने पाकिस्तान को एक ऐसे तूफान में धकेल दिया, जिसे फरहतुल्लाह बाबर अपनी किताब ‘द ज़रदारी प्रेसीडेंसी: नाउ इट मस्ट बी टोल्ड’ में "राष्ट्रीय अपमान" कहते हैं। एक हवेली, एक रहस्य अबॉटाबाद कोई जंगल या गुफा नहीं था। यह एक शांत शहर था, जहां सैन्य अकादमी के जवान परेड करते थे और बच्चे स्कूल जाते थे। लेकिन उस हवेली में, जो सैन्य अकादमी से बस कुछ कदम दूर थी, बिन लादेन सालों से छिपा था। ऊंची दीवारें, कांटेदार तार, ...

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