करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
नोबेल शांति पुरस्कार 2025: क्यों डोनाल्ड ट्रम्प विशेषज्ञों की सूची में नहीं हैं? प्रस्तावना हर साल अक्टूबर में दुनिया की नज़रें नॉर्वे के ओस्लो पर टिक जाती हैं, जब नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा होती है। यह पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति और नैतिकता पर एक संकेत भी देता है—कौन सा नेता, संगठन या आंदोलन आज की अस्थिर दुनिया में शांति और सहयोग की मिसाल बन रहा है। इस वर्ष भी अटकलें जारी हैं, लेकिन एक नाम जो बार-बार चर्चा में रहते हुए भी विशेषज्ञों की सूची से गायब है, वह है डोनाल्ड ट्रम्प। ट्रम्प की दावेदारी: उम्मीद बनाम वास्तविकता अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद कई बार खुले मंचों पर यह कह चुके हैं कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अब्राहम समझौते से लेकर उत्तर कोरिया तक कई पहल कीं, और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिर यह दावा दोहराया। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि उनके रिकॉर्ड में असंगतियां अधिक हैं—वह कई मौकों पर सहयोग की बजाय टकराव की राजनीति करते नज़र आए। नोबेल शांति पुरस्कार का दर्शन अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत ...