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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Abujhmad and North Bastar Declared Naxal-Free: A Historic Milestone in India’s Internal Security Strategy

अबुझमाड़ और उत्तरी बस्तर नक्सल-मुक्त: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में एक उपलब्धि भूमिका भारत की आंतरिक सुरक्षा के इतिहास में यह घोषणा एक युगांतरकारी क्षण के रूप में दर्ज की जाएगी कि छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ और उत्तरी बस्तर क्षेत्र अब नक्सल प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई यह घोषणा केवल एक प्रशासनिक उपलब्धि नहीं, बल्कि उन आदिवासी अंचलों के लिए नई सुबह का प्रतीक है जो दशकों तक हिंसा, भय और अलगाव के घेरे में रहे। साथ ही, हाल में 170 नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण ने यह प्रमाणित कर दिया है कि सरकार की "समर्पण और पुनर्वास" नीति ने नक्सलवाद के जनाधार को कमजोर करने में निर्णायक भूमिका निभाई है। नक्सलवाद: उत्पत्ति और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भारत में नक्सलवाद की जड़ें स्वतंत्रता के बाद के ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक असमानताओं में निहित हैं। इस आंदोलन की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी गांव से हुई, जब भूमिहीन किसानों ने जमींदारों और दमनकारी भूमि नीति के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया। इस आंदोलन के नेतृत्व में चारु म...

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