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Showing posts with the label सोनल वांगचुक की गिफ्तारी का औचित्य

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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Nivarak Nirodh aur NSA: Suraksha ke Naam par Swatantrata ka Hanan ya Nyayasangat Upay?

निवारक निरोध और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम: सुरक्षा के नाम पर स्वतंत्रता का हनन? हाल ही में लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 के तहत निवारक हिरासत ने एक बार फिर इस कानून की उपयोगिता और वैधता पर बहस छेड़ दी है। उनकी पत्नी डॉ. गीतांजली जे. अंगमो द्वारा दायर हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 6 अक्टूबर को सुनवाई करने वाला है, जिसमें वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी गई है। यह मामला न केवल लद्दाख की राज्य दर्जे और छठी अनुसूची की मांग से जुड़ा है, बल्कि यह उस व्यापक समस्या को भी उजागर करता है, जिसमें निवारक निरोध राजनीतिक असहमति दबाने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। भारत में निवारक निरोध की अवधारणा संविधान के अनुच्छेद 22 से उत्पन्न हुई है। यह राज्य को कुछ परिस्थितियों में व्यक्ति को बिना मुकदमे के हिरासत में रखने की अनुमति देती है। इसी सिद्धांत पर आधारित एनएसए, केंद्र और राज्य सरकारों को राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या आवश्यक आपूर्तियों को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए 12 महीने तक की हिरासत की शक्ति द...

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