करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
India’s Election Commission Launches Second Phase of Special Intensive Revision (SIR): A Major Step to Strengthen Democratic Inclusion
विशेष गहन संशोधन (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा: लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करने की दिशा में निर्वाचन आयोग का ऐतिहासिक कदम परिचय भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और इसकी शक्ति का आधार है — जनभागीदारी पर आधारित निष्पक्ष निर्वाचन प्रणाली । इसी लोकतांत्रिक संरचना की निरंतर सुदृढ़ता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) समय-समय पर मतदाता सूची के अद्यतन और शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनाता है। 27 अक्टूबर 2025 को आयोग ने “विशेष गहन संशोधन” (Special Intensive Revision - SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की, जो 28 अक्टूबर से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा। यह पहल केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि नागरिक सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक गहराई को बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। SIR का उद्देश्य और पृष्ठभूमि भारत में निर्वाचन सूचियों का नियमित अद्यतन तो वार्षिक संशोधन के माध्यम से होता है, किंतु विशेष गहन संशोधन उस प्रक्रिया का एक अधिक व्यापक, समावेशी और मैदानी स्वरूप है। इसका उद्देश्य केवल त्रुटि सुधार नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और जनसंख्या गतिशीलता को ध्...