करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI): ‘इंश्योरेंस फॉर ऑल 2047’ की दिशा में निर्णायक कदम 16 December 2025 को लोकसभा ने बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित कर बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) का मार्ग प्रशस्त किया। इससे पहले बीमा क्षेत्र में FDI की अधिकतम सीमा 74% थी। यह सुधार केंद्र सरकार के दीर्घकालिक विजन “Insurance for All by 2047” का एक अहम स्तंभ है, जिसका उद्देश्य बीमा कवरेज का विस्तार, वित्तीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना तथा भारतीय बीमा बाजार को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। यह कदम भारत की आर्थिक उदारीकरण नीति की निरंतरता को दर्शाता है, जिसमें रणनीतिक क्षेत्रों को नियंत्रित ढंग से वैश्विक पूंजी, तकनीक और प्रबंधकीय दक्षता के लिए खोला जा रहा है। विधेयक की पृष्ठभूमि और प्रमुख प्रावधान भारत में बीमा क्षेत्र का उदारीकरण क्रमिक रहा है। 2021 में FDI सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप लगभग ₹82,000 करोड़ का विदेशी निवेश आया। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए अब यह विधेयक विदेशी कंपनियों को भारतीय बीमा कंपनियों में पूर्ण स्व...