करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग प्रयोग: कृत्रिम बारिश से प्रदूषण नियंत्रण का नया प्रयास या अल्पकालिक समाधान? प्रस्तावना दिल्ली की वायु गुणवत्ता अब एक मौसमी संकट नहीं, बल्कि लगभग स्थायी आपदा बन चुकी है। हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर के दौरान जब पराली जलाने, ठंडी हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों का मेल होता है, तो प्रदूषण का स्तर "गंभीर" या "आपातकालीन" श्रेणी में पहुँच जाता है। राजधानी की हवा में घुला यह ज़हर स्वास्थ्य, पर्यावरण और प्रशासन — सभी के लिए चुनौती बन चुका है। ऐसे में इस वर्ष भाजपा नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने एक अभिनव प्रयोग शुरू किया — क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding)। विचार सरल है: यदि प्रकृति बारिश नहीं बरसा रही, तो इंसान विज्ञान के सहारे उसे बरसाने की कोशिश करे — ताकि बारिश हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों को धोकर वायु को साफ कर सके। क्लाउड सीडिंग क्या है? सामान्यतः, बादल तब बनते हैं जब हवा में मौजूद जलवाष्प धूल या परागकण जैसे सूक्ष्म कणों पर संघनित होकर जल की बूंदें बनाती हैं। ये बूंदें आपस में टकराकर बड़ी होती जाती हैं और जब उनका भार बढ़ जाता है, तो वे पृथ्वी प...