करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भाग-2: लद्दाख में विश्वास का संकट और सरकार की जिम्मेदारी लद्दाख, जो कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता था, आज एक गहरे राजनैतिक और सामाजिक संकट का सामना कर रहा है। हाल ही में, लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची की मांग को लेकर चले आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें 24 सितंबर को लेह में पुलिस फायरिंग में चार लोगों की जान चली गई। इस आंदोलन के प्रमुख चेहरे, सोनम वांगचुक, को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया, जो एक चिंताजनक कदम है। यह घटना न केवल लद्दाख के लोगों के बीच असंतोष को उजागर करती है, बल्कि केंद्र सरकार की नीतियों और उसके वादों के प्रति बढ़ते अविश्वास को भी दर्शाती है। सोनम वांगचुक, जिन्हें शिक्षा सुधारक, पर्यावरणविद् और तकनीकी नवोन्मेषक के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त है, पिछले साल तक केंद्र सरकार के लिए जलवायु, पर्यटन और लद्दाख के प्रमुख आयोजनों के सलाहकार थे। उनकी इस्लामाबाद यात्रा, जो 'ब्रीद पाकिस्तान' जलवायु सम्मेलन में भाग लेने के लिए थी, को अब उनकी विश्वसनीयता ...