करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Cha 1107-7626: ब्रह्मांड में एक नवजात आवारा ग्रह और ग्रह निर्माण की नई व्याख्या सारांश Cha 1107-7626, एक आवारा ग्रह (rogue planet), जो किसी तारे की परिक्रमा नहीं करता, हाल ही में खगोलविदों द्वारा खोजा गया है। यह ग्रह चमेलियन I (Chamaeleon I) तारा-निर्माण क्षेत्र में अवस्थित है और अपनी प्रारंभिक अवस्था में तारों की भांति पदार्थ को अभूतपूर्व दर से अवशोषित (accrete) कर रहा है। यह खोज ग्रहों और तारों के निर्माण की पारंपरिक समझ को चुनौती देती है, क्योंकि यह ग्रह तारकीय और ग्रहीय प्रक्रियाओं के बीच की रेखा को धुंधला करती है। यह लेख इस खोज के वैज्ञानिक, दार्शनिक, और नीतिगत निहितार्थों का विश्लेषण करता है, साथ ही भारत जैसे उभरते अंतरिक्ष शक्तियों के लिए इसके संभावित प्रभावों पर प्रकाश डालता है। परिचय खगोल विज्ञान में आवारा ग्रहों (rogue planets) का अध्ययन एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो ग्रह निर्माण और तारकीय विकास की प्रक्रियाओं को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ये ग्रह, जो किसी तारे की परिक्रमा नहीं करते, अंतरिक्ष के अंतरतारकीय क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं। हाल ही में ...