करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
A New Momentum in India-UK Relations: Keir Starmer’s Mumbai Visit and the Dawn of a Strategic Partnership
भारत-यूके संबंधों में नई गति: कीर स्टार्मर की मुंबई यात्रा से उभरता वैश्विक सहयोग का नया युग ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का 8 अक्टूबर 2025 को मुंबई आगमन, भारत-यूके संबंधों के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है। यह केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि राजनीतिक, आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक साझेदारी के पुनर्परिभाषित स्वरूप का प्रतीक है। 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ स्टार्मर का आगमन यह दर्शाता है कि ब्रिटेन, भारत को अब केवल एक व्यापारिक साझेदार के रूप में नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सहयोगी और वैश्विक साझेदारी के स्तंभ के रूप में देख रहा है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और बदलता परिदृश्य भारत और ब्रिटेन का संबंध उपनिवेशी अतीत से लेकर आधुनिक लोकतंत्र की साझी विरासत तक फैला है। 1947 के बाद से दोनों देशों ने “कॉमनवेल्थ” की भावना के तहत कई स्तरों पर सहयोग बनाए रखा। लेकिन पिछले दो दशकों में, यह संबंध औपनिवेशिक छाया से बाहर निकलकर समानता और साझेदारी आधारित संबंधों में परिवर्तित हुआ है। ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन ने जब यूरोपीय संघ से अलग होकर अपनी वैश्विक व्यापार नीति को ...