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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध: टैरिफ बढ़ोतरी पर चीन का जवाबी वार

चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध की नई लहर — वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चेतावनी

हाल ही में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध एक बार फिर तेज़ हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के कदम का चीन ने तीखा जवाब दिया है — टैरिफ में बढ़ोतरी, निर्यात नियंत्रण, और अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ प्रतिरोधात्मक कार्रवाई के रूप में। यह टकराव केवल दो वैश्विक शक्तियों के बीच का आर्थिक संघर्ष नहीं है, बल्कि पूरी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी भी है।

चीन का जवाब—कूटनीतिक संयम से व्यावसायिक आक्रामकता तक

चीन ने अमेरिकी LNG, कोयला, और वाहनों पर टैरिफ लगाकर संकेत दिया है कि वह अपने घरेलू बाज़ार की रक्षा के लिए तैयार है। साथ ही, 'अविश्वसनीय इकाई' सूची और गूगल जैसी कंपनियों की जांच यह दर्शाती है कि चीन अब केवल जवाब देने की मुद्रा में नहीं, बल्कि अमेरिका के कॉर्पोरेट हितों पर सीधा वार करने की नीति पर काम कर रहा है।

अमेरिका की रणनीति—चुनावी राजनीति या दीर्घकालिक नीति?

यह भी ध्यान देने योग्य है कि यह टैरिफ नीति राष्ट्रपति चुनावों की पृष्ठभूमि में लाई गई है। क्या यह घरेलू उद्योगों को लुभाने और ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा को दोहराने की कोशिश है, या फिर चीन को रणनीतिक रूप से सीमित करने की दीर्घकालिक नीति? दोनों ही स्थितियों में यह व्यापार युद्ध अब केवल ‘मूल्य’ का नहीं, ‘प्रभाव’ का भी युद्ध बन गया है।

वैश्विक प्रभाव—भारत और अन्य विकासशील देशों पर असर

इस व्यापार युद्ध का अप्रत्यक्ष प्रभाव भारत जैसे देशों पर भी पड़ेगा। एक ओर जहां निर्यात के नए अवसर खुल सकते हैं, वहीं कच्चे माल की कीमतों और वैश्विक निवेश धाराओं में अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। भारत को चाहिए कि वह इस संकट को अवसर में बदले, लेकिन साथ ही दीर्घकालिक नीति तैयार करे ताकि व्यापार युद्ध के झटकों से उसकी अर्थव्यवस्था सुरक्षित रह सके।

निष्कर्ष

चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध वैश्विक व्यवस्था को पुनर्परिभाषित कर रहा है। दोनों देशों को चाहिए कि वे बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से समाधान खोजें, अन्यथा यह संघर्ष किसी एक देश के नहीं, पूरी दुनिया के आर्थिक संतुलन को डगमगा सकता है।

यहाँ चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध पर आधारित कुछ संभावित UPSC GS (मुख्य परीक्षा) प्रश्न दिए गए हैं जो विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से तैयारी में सहायक हो सकते हैं:

GS Paper II (अंतर्राष्ट्रीय संबंध):

1. "चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध न केवल द्विपक्षीय तनाव का परिणाम है, बल्कि वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की अस्थिरता का संकेत भी है।" – टिप्पणी करें।

2. भारत जैसे उभरते विकासशील देश चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध से कैसे प्रभावित हो सकते हैं? भारत के लिए इसमें अवसर और चुनौतियाँ क्या हैं?

3. विश्व व्यापार संगठन (WTO) की भूमिका चीन-अमेरिका व्यापार विवाद में कितनी प्रभावी रही है? इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा करें।

GS Paper III (अर्थव्यवस्था):

1. व्यापार युद्ध की स्थिति में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है? उदाहरण सहित विश्लेषण करें।

2. टैरिफ आधारित नीतियाँ अल्पकालिक राजनीतिक लाभ दे सकती हैं, पर दीर्घकालिक आर्थिक स्थायित्व के लिए हानिकारक हो सकती हैं। — इस कथन की आलोचनात्मक समीक्षा करें।

3. भारत को चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध के परिप्रेक्ष्य में अपनी व्यापार नीति में कौन-कौन से सुधार करने चाहिए? विस्तार से चर्चा करें।

↪⇋अमेरिका के ट्रेडवार पर एक सम्पूर्ण विश्लेषण यहां पढ़ें।


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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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