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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Dutch Parliamentary Elections 2025: Populist Surge and the Recalibration of Europe’s Liberal Center

🇳🇱 नीदरलैंड्स का 2025 आम चुनाव: रोब जेटेन की उदारवादी जीत और यूरोप में जनवाद की वापसी पर विराम

परिचय

यूरोप के राजनीतिक परिदृश्य में जहाँ पिछले एक दशक से लोकलुभावनवाद, राष्ट्रवाद और आव्रजन विरोधी विचारधाराओं का प्रसार लगातार गहराता जा रहा था, वहीं अक्टूबर 2025 का नीदरलैंड्स चुनाव इस प्रवाह के विरुद्ध एक नई दिशा प्रस्तुत करता है।
डेमोक्रेट्स 66 (D66) के युवा नेता रोब जेटेन (Rob Jetten) ने अत्यंत करीबी मुकाबले में फ्रीडम पार्टी (PVV) के विवादास्पद नेता गीर्ट विल्डर्स (Geert Wilders) को पीछे छोड़कर इतिहास रच दिया है। 38 वर्षीय जेटेन अब आधुनिक डच इतिहास के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने की ओर अग्रसर हैं।

यह चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि यूरोपीय राजनीति में “उदारवादी पुनर्जागरण” (Liberal Renaissance) का प्रतीक बनकर उभरा है — जहाँ भय और विभाजन के स्थान पर आशा, समावेश और सह-अस्तित्व की राजनीति ने जीत हासिल की।


1️⃣ राजनीतिक पृष्ठभूमि: जनवाद की थकान और नए नेतृत्व की तलाश

2023 के चुनावों में गीर्ट विल्डर्स की पार्टी PVV ने अप्रत्याशित सफलता प्राप्त की थी और 2024 में गठित उनकी सरकार ने कठोर आव्रजन नीतियाँ अपनाईं। परंतु, गठबंधन सहयोगियों के विरोध और बढ़ते सामाजिक तनावों के कारण यह सरकार केवल 11 माह में ही गिर गई।
जनता में राजनीतिक अस्थिरता के प्रति असंतोष, आर्थिक असमानता और शरणार्थी संकट के बीच नीदरलैंड्स एक बार फिर मतपेटियों के सामने था।

इसी पृष्ठभूमि में रोब जेटेन ने युवाओं, शहरी मतदाताओं और प्रगतिशील वर्गों को लक्ष्य बनाकर सकारात्मक राजनीति का संदेश दिया। उनका नारा था —

“Yes, we can – लेकिन एकजुट होकर।”

यह नारा केवल प्रचार का उपकरण नहीं, बल्कि विभाजित समाज के लिए नवउदारवादी एकता का घोषणापत्र बन गया।


2️⃣ चुनाव परिणाम: लोकतंत्र का ‘नाखून-काट’ संतुलन

BBC और डच समाचार एजेंसी ANP के अनुसार,

  • D66 और PVV दोनों को 26 सीटें प्राप्त हुई हैं,
  • किंतु पोस्टल वोटों के विश्लेषण के बाद D66 को 27वीं सीट मिलने की संभावना जताई गई है।
  • मत प्रतिशत में भी अंतर अत्यंत सूक्ष्म रहा — D66 को 16.9%, जबकि PVV को 16.7% वोट मिले।

फिर भी, जेटेन ने अपनी पार्टी को “देश की सबसे बड़ी पार्टी” घोषित करते हुए कहा —

“हम अब नीदरलैंड्स के सभी नागरिकों के लिए काम करेंगे, न कि केवल अपने समर्थकों के लिए।”

इस जीत ने जेटेन को न केवल राजनीतिक वैधता प्रदान की, बल्कि यूरोप में जनवाद के खिलाफ एक वैचारिक जीत भी दी।


3️⃣ गठबंधन की चुनौती: सत्ता तक कठिन मार्ग

नीदरलैंड्स की राजनीति सदैव कोलिशन संस्कृति पर आधारित रही है। कुल 150 सदस्यीय संसद में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। जेटेन को सरकार गठन के लिए 76 सीटों का समर्थन चाहिए, जिसके लिए संभावित सहयोगी हो सकते हैं —

  • VVD (Conservative-Liberal)
  • Labour–GreenLeft Alliance (PvdA-GL)
  • Christian Democrats (CDA)

हालांकि, VVD नेता डिलन येसिलगोज़ ने वामपंथी गठजोड़ से दूरी बनाकर रखी है, जिससे वार्ताएँ जटिल हो सकती हैं।
स्वयं जेटेन ने संकेत दिया है कि वे एक “वृहद-आधारित, मध्यस्थ गठबंधन” बनाना चाहते हैं जो शरणार्थी नीति, आवास संकट और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर दीर्घकालिक समाधान प्रस्तुत करे।


4️⃣ विश्लेषण: जनवाद बनाम सकारात्मक उदारवाद की टकराहट

इस चुनाव में दो विचारधाराओं का स्पष्ट संघर्ष दिखा —

  1. विल्डर्स का भय-आधारित जनवाद (Fear-Based Populism) – जो इस्लाम विरोध, आव्रजन नियंत्रण और राष्ट्रवाद पर टिका था।
  2. जेटेन का आशा-आधारित उदारवाद (Hope-Based Liberalism) – जिसने विविधता, सहिष्णुता और सहयोग को प्राथमिकता दी।

जेटेन की सफलता का कारण यह था कि उन्होंने केवल विपक्षी नीतियों का विरोध नहीं किया, बल्कि भविष्य का सकारात्मक एजेंडा प्रस्तुत किया।
उन्होंने युवा मतदाताओं को प्रेरित किया, टीवी डिबेट्स में शालीनता बनाए रखी, और सोशल मीडिया को संवाद का मंच बनाया, न कि प्रचार का युद्धक्षेत्र।

यह मॉडल दर्शाता है कि 21वीं सदी में राजनीतिक सभ्यता (Civility in Politics) भी चुनाव जीत सकती है।


5️⃣ यूरोपीय संदर्भ: महाद्वीप में केंद्रवाद की पुनर्स्थापना

रोब जेटेन की जीत को केवल नीदरलैंड्स की घटना नहीं, बल्कि यूरोपीय लोकतंत्र की दिशा परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।

  • जेटेन का रुख यूरोपीय संघ (EU) के प्रति सकारात्मक है — वे ग्रीन एनर्जी, डिजिटल समावेशन और NATO सहयोग के पक्षधर हैं।
  • उनकी जीत ने फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क और फिनलैंड जैसे देशों में उदारवादी केंद्र दलों को नैतिक बल प्रदान किया है।
  • यह परिणाम बताता है कि जनवाद की लहर स्थायी नहीं होती, जब तक उदारवादी राजनीति स्वयं को नवीन, युवा और सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करे।

6️⃣ भारत-नीदरलैंड्स संबंधों के लिए संकेत

भारत और नीदरलैंड्स के संबंध प्रौद्योगिकी, कृषि-नवाचार, जल प्रबंधन और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर आधारित हैं। D66 की सरकार इन क्षेत्रों में सहयोग को और विस्तार दे सकती है।
जेटेन का जलवायु-समर्थक रुख भारत के “Mission LiFE” और “International Solar Alliance” के साथ मेल खाता है।
साथ ही, D66 का डिजिटल पारदर्शिता मॉडल भारत की ई-गवर्नेंस नीतियों के लिए प्रेरक बन सकता है।


7️⃣ लोकतांत्रिक अर्थ: विश्व के लिए एक संदेश

नीदरलैंड्स का यह चुनाव बताता है कि लोकतंत्र में केवल जनसंख्या का आकार नहीं, बल्कि जनचेतना की दिशा अधिक निर्णायक होती है।

  • जब समाज में भय और विभाजन बढ़े, तो राजनीति को सकारात्मकता और सहभागिता से जवाब देना चाहिए।
  • युवा नेतृत्व, वैचारिक स्पष्टता और नैतिक संवाद — ये तीन तत्व आधुनिक लोकतंत्र की आत्मा हैं।

निष्कर्ष: उदारवाद का पुनर्जागरण और लोकतंत्र की वापसी

रोब जेटेन की जीत केवल डच संसद की सीटों की गणना नहीं है, बल्कि यह उस युग की घोषणा है जिसमें राजनीतिक शालीनता और सकारात्मक संवाद पुनः मूल्यवान बन रहे हैं।
यूरोप, जो लंबे समय से जनवादी प्रयोगों से थका हुआ था, अब एक बार फिर मध्य मार्ग (Middle Path) की ओर लौटता दिखाई दे रहा है।

यह चुनाव अंततः यही संदेश देता है —

“जनवाद की तात्कालिकता को केवल उदारवाद की स्थायित्व ही हरा सकता है।”

और इस रूप में नीदरलैंड्स ने विश्व को लोकतंत्र की नई दिशा दिखाई है — जहाँ आशा, सहिष्णुता और युवा नेतृत्व भविष्य की राजनीति के आधार बन रहे हैं।


📚 संदर्भ स्रोत

  1. BBC News, “Dutch centrist Rob Jetten claims victory in neck-and-neck election race” (31 October 2025).
  2. ANP Dutch News Agency – Official Election Count Reports, 2025.
  3. European Political Review, Vol. 14 (2025): Resilience of Liberalism in Populist Europe.
  4. The Economist, Europe’s Political Middle Strikes Back, October 2025.
  5. Netherlands Electoral Council (Kiesraad) Preliminary Data, 2025.


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