Skip to main content

MENU👈

Show more

Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के नियम में बदलाव की मांग: दो बार राष्ट्रपति बनने की सीमा पर बहस

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए अधिकतम दो बार चुने जाने की संवैधानिक सीमा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद एंडी ओगल्स ने अमेरिकी संसद के निचले सदन, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स, में एक बिल पेश किया है जिसमें इस नियम को बदलने की मांग की गई है। यह प्रस्ताव 22वें संशोधन (1951) के तहत तय की गई राष्ट्रपति पद की अवधि सीमा को खत्म करने या संशोधित करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

22वें संशोधन की पृष्ठभूमि

अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के तहत राष्ट्रपति को अधिकतम दो बार चुने जाने की सीमा निर्धारित की गई है। यह नियम राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट के चार बार राष्ट्रपति बनने के बाद लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सत्ता के केंद्रीकरण को रोकना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखना था।

एंडी ओगल्स की दलील

एंडी ओगल्स ने इस बिल को पेश करते हुए यह तर्क दिया कि अमेरिकी जनता को यह अधिकार होना चाहिए कि वे अपने राष्ट्रपति का चुनाव कितनी बार करना चाहते हैं। उनका मानना है कि इस सीमा को खत्म करना लोकतांत्रिक सिद्धांतों को और अधिक मज़बूत करेगा, क्योंकि यह सीधे जनता के निर्णय पर निर्भर होगा।

समर्थन और विरोध

इस प्रस्ताव के समर्थन में कुछ तर्क दिए जा रहे हैं:

1. जनता की स्वतंत्रता: जनता को यह अधिकार होना चाहिए कि वे कितनी बार किसी नेता को चुनें।

2. योग्यता पर जोर: अगर कोई राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान असाधारण प्रदर्शन करता है, तो उसे बार-बार चुने जाने से रोकने का कोई औचित्य नहीं होना चाहिए।

हालांकि, विरोध करने वाले यह तर्क दे रहे हैं:

1. सत्ता का दुरुपयोग: अधिक कार्यकाल सत्ता के केंद्रीकरण और संभावित दुरुपयोग का कारण बन सकता है।

2. लोकतांत्रिक संतुलन: एक ही व्यक्ति के बार-बार चुनाव को सीमित करने से राजनीतिक संतुलन और विविधता बनी रहती है।

ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टिकोण

इतिहास में, कई राष्ट्राध्यक्षों ने अपने कार्यकाल को बढ़ाने के प्रयास किए हैं, लेकिन इससे अक्सर सत्ता के केंद्रीकरण और लोकतंत्र के कमजोर होने का खतरा बढ़ा है। अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश में यह बहस यह सवाल खड़ा करती है कि क्या जनता की स्वतंत्रता सत्ता के नियंत्रण के जोखिम से अधिक महत्वपूर्ण है।

भविष्य की दिशा

इस प्रस्ताव पर अभी बहस जारी है, और इसे लागू होने में कई संवैधानिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर यह बिल पास होता है, तो यह अमेरिका की राजनीतिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव का कारण बन सकता है।

अंततः, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रस्ताव अमेरिकी जनता, राजनीतिक दलों, और अन्य हितधारकों के बीच कैसे प्रतिक्रिया प्राप्त करता है।


Comments

Advertisement

POPULAR POSTS