गणतंत्र दिवस परेड भारत की सांस्कृतिक धरोहर, विविधता और एकता का प्रतीक है। हर वर्ष दिल्ली में आयोजित इस परेड में देशभर के विभिन्न राज्यों की झांकियाँ प्रमुख आकर्षण होती हैं। 2025 में भी गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों की झांकियों ने शानदार प्रदर्शन किया, और केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने इन झांकियों में से सर्वश्रेष्ठ 3 का एलान किया। इन झांकियों में से उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, और आंध्र प्रदेश की झांकियाँ प्रमुख रही।
उत्तर प्रदेश की झांकी - 'महाकुंभ 2025: स्वर्णिम भारत - विरासत और विकास'
गणतंत्र दिवस परेड में पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश की झांकी रही। इस झांकी की थीम 'महाकुंभ 2025 - स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' थी, जो भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों और आधुनिक विकास की ओर बढ़ते कदमों का प्रतिनिधित्व करती है। झांकी में कुम्भ मेला के विशाल और भव्य दृश्य को जीवंत रूप में दिखाया गया, जिसमें श्रद्धालु, साधु संत, और विभिन्न धार्मिक प्रतीकों को चित्रित किया गया। उत्तर प्रदेश ने न केवल भारतीय संस्कृति की महिमा को दर्शाया, बल्कि देश की सामाजिक और धार्मिक एकता का संदेश भी दिया।
त्रिपुरा की झांकी - सांस्कृतिक धरोहर और समृद्धि की झलक
गणतंत्र दिवस परेड में दूसरे स्थान पर त्रिपुरा की झांकी रही। इस झांकी ने त्रिपुरा की सांस्कृतिक धरोहर और राज्य की समृद्ध परंपराओं को प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया। त्रिपुरा की झांकी में राज्य की लोककला, संगीत, नृत्य और पारंपरिक वस्त्रों को दर्शाया गया, जो दर्शकों को राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समृद्धि से परिचित कराते हैं। त्रिपुरा ने इस झांकी के माध्यम से अपने राज्य की सांस्कृतिक विविधता को प्रमुखता से प्रदर्शित किया।
आंध्र प्रदेश की झांकी - विकास की दिशा में निरंतर प्रयास
तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश की झांकी रही, जिसने राज्य के विकास कार्यों को उजागर किया। इस झांकी में आंध्र प्रदेश के शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और किसानों की प्रगति को दिखाया गया। झांकी में राज्य के कृषि क्षेत्र में सुधार, जल संरक्षण और ग्रामीण विकास की दिशा में किए गए प्रयासों को प्रदर्शित किया गया। आंध्र प्रदेश की झांकी ने यह संदेश दिया कि राज्य अपने विकास के साथ-साथ पारंपरिक और आधुनिकता को एक साथ जोड़कर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
गणतंत्र दिवस परेड 2025 में राज्यों की झांकियाँ न केवल सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन थीं, बल्कि इन झांकियों के माध्यम से प्रत्येक राज्य ने अपनी परंपराओं, विकास कार्यों और समृद्धि को दर्शाया। उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, और आंध्र प्रदेश की झांकियाँ विशेष रूप से उत्कृष्ट रही, और इनकी कहानियाँ भारतीय समाज के विविध पहलुओं को उजागर करती हैं। इस परेड ने भारत की एकता और अखंडता को प्रदर्शित करते हुए यह साबित किया कि हमारा देश सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और विकास की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
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