PM Modi Receives Ethiopia’s Highest Civilian Honour: A New Milestone in India-Ethiopia Strategic Relations
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान: भारत की वैश्विक कूटनीति का अफ्रीकी अध्याय
16 दिसंबर 2025 को अदीस अबाबा में घटित एक ऐतिहासिक क्षण ने भारत-इथियोपिया संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ से सम्मानित किया जाना केवल एक औपचारिक राजकीय घटना नहीं थी, बल्कि यह 21वीं सदी की भारतीय कूटनीति के आत्मविश्वास, निरंतरता और वैश्विक स्वीकार्यता का सशक्त प्रतीक था। यह तथ्य कि प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष हैं, इस घटना को ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक—दोनों दृष्टियों से—अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।
व्यक्तिगत सम्मान से राष्ट्रीय गौरव तक
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को व्यक्तिगत उपलब्धि के बजाय 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक मान्यता के रूप में स्वीकार किया। यह विनम्रता केवल राजनीतिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि उस कूटनीतिक दर्शन की अभिव्यक्ति है जिसमें भारत स्वयं को ‘नेतृत्वकर्ता’ से अधिक ‘साझेदार’ के रूप में प्रस्तुत करता है। यह दृष्टिकोण भारत की विदेश नीति को नैतिक बल प्रदान करता है—विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ।
भारत-इथियोपिया संबंध: इतिहास से रणनीति तक
भारत और इथियोपिया के संबंध औपनिवेशिक दौर से भी पहले के हैं। दोनों देशों ने स्वतंत्रता, संप्रभुता और सभ्यतागत निरंतरता की साझा अनुभूति को जिया है। आधुनिक काल में यह संबंध विकास साझेदारी में रूपांतरित हुआ—जहाँ भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आईटी और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में ठोस योगदान दिया।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ का दर्जा दिया जाना इस ऐतिहासिक मित्रता का स्वाभाविक विस्तार है। सीमा शुल्क सहयोग, डेटा सेंटर स्थापना और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में प्रशिक्षण जैसे समझौते यह संकेत देते हैं कि यह साझेदारी अब केवल अतीत-आधारित नहीं, बल्कि भविष्य-उन्मुख है।
अफ्रीका नीति और ग्लोबल साउथ का पुनर्संतुलन
यह सम्मान भारत की अफ्रीका नीति की सफलता का भी प्रमाण है। भारत ने अफ्रीका में सहायता को शर्तों से नहीं, बल्कि साझेदारी और सम्मान से जोड़ा है। ऋण-जाल कूटनीति के विकल्प के रूप में भारत का विकास-केंद्रित मॉडल अफ्रीकी देशों के लिए अधिक स्वीकार्य और टिकाऊ सिद्ध हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी को प्राप्त यह 28वाँ अंतरराष्ट्रीय सर्वोच्च राज्य सम्मान भारत के उस उभरते वैश्विक नेतृत्व को रेखांकित करता है, जो पश्चिम-केंद्रित व्यवस्था से इतर ग्लोबल साउथ की आवाज़ को विश्व मंच पर स्थापित कर रहा है।
निष्कर्ष: एक सम्मान, अनेक संकेत
इथियोपिया का यह सर्वोच्च सम्मान केवल एक राजकीय अलंकरण नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक प्रासंगिकता का संकेतक है। यह बताता है कि भारत अब केवल उभरती शक्ति नहीं, बल्कि भरोसेमंद साझेदार और नैतिक नेतृत्वकर्ता के रूप में देखा जा रहा है।
भारत-इथियोपिया संबंधों में यह मील का पत्थर आने वाले दशकों में गहन सहयोग, साझा विकास और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में भारत की निर्णायक भूमिका की मजबूत नींव रखता है।
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