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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Elon Musk–Nikhil Kamath Dialogue: A Scholarly Insight into Technology, Future, and Global Talent

एलन मस्क–निखिल कामत संवाद: तकनीक, भविष्य और वैश्विक प्रतिभा पर एक समसामयिक शैक्षणिक विवेचन भारतीय उद्यमी निखिल कामत और एलन मस्क के बीच हुए WTF पॉडकास्ट संवाद को मात्र लोकप्रिय संस्कृति की घटना कहना इसके महत्व को सीमित कर देना होगा। यह वार्ता—जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर वैश्विक प्रतिभा नीति, मानव सभ्यता के दीर्घकालिक भविष्य और निवेश दर्शन तक अनेक विषय समाहित हैं—इक्कीसवीं सदी के तकनीकी-सामाजिक विमर्श को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुकी है। यह लेख संवाद में उभरते पाँच प्रमुख विचारों का शैक्षणिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। 1. “Evil AI” का खतरा और नियंत्रण की नैतिक-दार्शनिक चुनौती मस्क ने पुनः चेताया कि अनियंत्रित, अस्पष्ट अथवा दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य वाले AI सिस्टम मानवता के लिए अस्तित्वगत जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं। उनकी यह चिंता किसी व्यक्तिगत भय का प्रतिबिंब नहीं, बल्कि आधुनिक AI दर्शन में लंबे समय से चल रही बहस—विशेषतः “alignment” और “control problem”—को पुनर्जीवित करती है। मस्क की यह दलील कि AI का प्राथमिक उद्देश्य “सत्य खोज” होना चाहिए, समकालीन तकनीकी संस्थानों के व्या...

U.S. Military Action and Venezuela’s Response: A Strategic Geopolitical Analysis

अमेरिकी सैन्य कार्रवाई और वेनेज़ुएला की प्रतिक्रिया: एक सामरिक विश्लेषण परिचय दक्षिण अमेरिका का ऊर्जा-संपन्न राष्ट्र वेनेज़ुएला पिछले एक दशक से राजनीतिक उथल-पुथल, आर्थिक गिरावट और बाहरी हस्तक्षेप के आरोपों के बीच घिरा हुआ है। हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कैरिबियन और पूर्वी प्रशांत में कथित ड्रग-तस्करी नौकाओं पर की गई सैन्य कार्रवाइयों ने इस संकट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और गंभीर बना दिया है। इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई और ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया कि नौसैनिक हमलों का दायरा आगे चलकर वेनेज़ुएला की भूमि तक भी पहुँच सकता है। इसके जवाब में, वेनेज़ुएला की राष्ट्रीय सभा ने इन घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष आयोग गठित किया है, जिसने इसे राष्ट्र की संप्रभुता पर सीधा हमला बताते हुए “कठोर और गहन जांच” की घोषणा की है। ऐसे समय में, अमेरिकी सैन्य शक्ति और वेनेज़ुएला की क्षमताओं का तुलनात्मक विश्लेषण करना आवश्यक हो जाता है, ताकि संभावित परिदृश्यों को समझा जा सके। अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का संदर्भ अमेरिका लंबे समय से वेनेज़ुएला सरकार पर ड्रग तस्करी मे...

US Halts Afghan Special Immigration Program: Implications for Allies and Regional Stability

ट्रम्प प्रशासन द्वारा अफगान विशेष आप्रवासन कार्यक्रम की अस्थायी रोकः सुरक्षा-आप्रवासन के द्वंद्व और अमेरिकी नीतिगत विश्वसनीयता का संकट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही विदेश विभाग ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने न केवल अमेरिका की आप्रवासन नीति, बल्कि उसके 20-वर्षीय अफगान मिशन से जुड़े नैतिक वादों पर भी गहरी बहस छेड़ दी है। एक गोपनीय केबल, जिसकी जानकारी मीडिया में लीक हुई, बताती है कि विश्वभर के अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को अफगान नागरिकों—विशेष रूप से पूर्व अमेरिकी सहयोगियों—के वीज़ा आवेदन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया गया है। इस रोक का सीधा असर उस Special Immigrant Visa (SIV) कार्यक्रम पर पड़ता है, जिसे 2009 में उन अफगान दुभाषियों, चालकों, सुरक्षा कर्मियों और अन्य सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था, जिन्होंने अमेरिकी बलों के साथ काम कर अपनी जान जोखिम में डाली थी। इस अचानक लागू किए गए आदेश की पृष्ठभूमि वाशिंगटन डी.सी. में नवंबर 2025 में हुई एक गोलीबारी की घटना बताई जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, हमले में शामिल...

Imran Khan’s Health and Security: Rising Concerns Over Pakistan’s Political Turmoil

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत और सुरक्षा का सवाल अफवाहों की लहर, पारदर्शिता की मांग और अंतरराष्ट्रीय चिंता परिचय पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि सत्ता संघर्ष, जनसमर्थन और संस्थागत तनाव का प्रतीक बन चुके हैं। अगस्त 2023 से आदियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री को लेकर नवंबर 2025 में अचानक उठी अफवाहों ने न सिर्फ पाकिस्तान के भीतर हलचल मचा दी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी सतर्क कर दिया। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा #WhereIsImranKhan अभियान छेड़ने और परिवार व पीटीआई द्वारा “प्रूफ ऑफ लाइफ” की मांग के बाद मामला और गंभीर हो गया। इसी परिप्रेक्ष्य में भारतीय सांसद डॉ. शशि थरूर का बयान मानवाधिकार और पारदर्शिता के प्रश्न को और प्रमुखता से सामने रखता है। कैद, प्रतिबंध और अफवाहों का विस्फोट इमरान खान, जिनकी सरकार 2022 में अविश्वास प्रस्ताव से गिर गई थी, पिछले दो वर्षों में कई संगीन आरोपों से घिरे रहे—जिन्हें वे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हैं। 73 वर्षीय नेता को आदियाला जेल में 14 साल की सजा के तहत रखा गया है, लेकिन नवंबर 2025 में परिवार...

IAS Santosh Verma Controversy: How a Reservation Remark Turned Daughters into “Objects of Donation”

IAS संतोष वर्मा का विवादित बयान – जब आरक्षण की आड़ में बेटियों को “दान” की वस्तु बना दिया गया नमस्कार साथियों, कभी-कभी एक वाक्य इतना शक्तिशाली होता है कि वह पूरे समाज की धड़कनें बदल देता है। आईएएस संतोष वर्मा का हालिया बयान बिल्कुल ऐसा ही था—चिंगारी की तरह फेंका गया और पलक झपकते ही आग बन गया। उन्होंने कहा— “जब तक ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं देगा, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” इस एक वाक्य ने पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति, समाज और प्रशासन को हिला दिया। सड़कें गरम, सोशल मीडिया उफान पर, और सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। लेकिन इस विवाद के शोर में एक बहुत महत्वपूर्ण सवाल दब गया— क्या अंतरजातीय विवाह वास्तव में सामाजिक बराबरी का सटीक पैमाना हैं? विवाद का संक्षिप्त लेकिन पूरा घटनाक्रम 23 नवंबर 2025 – भोपाल, अंबेडकर मैदान। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (AJAKS) की बैठक में नए अध्यक्ष संतोष वर्मा भाषण दे रहे थे। आरक्षण पर बहस के बीच उन्होंने “रोटी-बेटी संबंध” का जिक्र किया—जो कई नेता पहले भी करते रहे हैं। लेकिन आगे जो कहा, वही विस...

India’s High-Risk HPAI (H5N1) Outlook: Impacts on Food Security, Poultry Industry & Public Health in 2025–26

भारत के संदर्भ में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा (HPAI) का वर्तमान एवं संभावी प्रकोप : खाद्य सुरक्षा, पोल्ट्री उद्योग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव प्रस्तावना नवंबर 2025 में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में अत्यधिक रोगजनक बर्ड फ्लू (H5N1, क्लेड 2.3.4.4b) का जो असाधारण और व्यापक प्रकोप दर्ज किया गया है, वह भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है। विश्व के सबसे बड़े backyard poultry आधारित देशों में शामिल भारत, प्रवासी पक्षियों के चार मुख्य फ्लाई-वे के बीच स्थित है, जिससे जोखिम और बढ़ जाता है। पिछले पाँच वर्षों में देश ने कई बड़े प्रकोप झेले – 2021, 2022 और 2024 के प्रकोपों में लगभग 80 लाख से अधिक पक्षियों की मौत या वध हुआ। मौजूदा वैश्विक स्थिति को देखते हुए 2025-26 की सर्दियों में भारत में गंभीर प्रकोप की संभावना प्रबल है। भारत में ऐतिहासिक एवं वर्तमान परिदृश्य भारत में HPAI का पहला पुष्टि किया गया प्रकोप फरवरी 2006 में महाराष्ट्र और गुजरात में सामने आया था। उसके बाद यह वायरस हर वर्ष अलग-अलग रूपों में लौटता रहा। 2020-21: 12 से अधिक राज्यों में बड़े स्तर पर संक्रमण, लगभग 55 लाख पक्...

National Herald Money Laundering Case: An Analytical Study on Allegations of Political Bias Against the ED

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामला: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन – प्रवर्तन निदेशालय पर राजनीतिक पक्षपात के आरोपों का मूल्यांकन परिचय भारतीय राजनीति में आर्थिक अपराधों से जुड़े मामले अक्सर केवल कानूनी दायरे तक सीमित नहीं रहते, बल्कि तीव्र राजनीतिक बहस का विषय भी बन जाते हैं। नेशनल हेराल्ड विवाद इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जो एक दशक से अधिक समय से लगातार सुर्खियों में है। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर की गई चार्जशीट और दिल्ली की विशेष अदालत द्वारा उस पर संज्ञान लेने के फैसले को टालने के बाद यह मामला और अधिक चर्चित हो गया है। अगली तिथि 16 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। इस अवसर पर यह आवश्यक हो जाता है कि कांग्रेस द्वारा ईडी पर लगाए गए राजनीतिक पक्षपात के आरोपों का शांत, तथ्यात्मक और विश्लेषणात्मक विवेचन किया जाए। इस लेख का उद्देश्य किसी निष्कर्ष को थोपना नहीं, बल्कि श्रेणीबद्ध तथ्यों, कानूनी प्रक्रियाओं और राजनीतिक संदर्भों के आधार पर विवेकपूर्ण समझ विकसित करना है। मामले की ऐतिहासिक और तथ्यात्मक पृष्ठभूमि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना वर्ष 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थ...

India’s Strong Economic Momentum: A Comprehensive Analysis of Q2 FY26 GDP Growth Amid Global Challenges

भारत की सुदृढ़ आर्थिक प्रगति: वैश्विक चुनौतियों के बीच Q2 FY26 की GDP वृद्धि का विश्लेषण भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी अंतर्निहित मजबूती का परिचय दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े इस तथ्य को मजबूती से रेखांकित करते हैं कि वैश्विक अनिश्चितताओं—विशेषकर अमेरिकी व्यापार शुल्कों—के बावजूद भारत की विकास गति प्रभावशाली बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, वास्तविक GDP वृद्धि 8.2% तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 5.6% और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 7.8% से स्पष्ट रूप से अधिक है। यह छह तिमाहियों में सर्वाधिक वृद्धि है, जो भारत की आर्थिक संरचना की सहनशीलता और नीति-निर्माण की तत्परता को दर्शाती है। क्षेत्रीय प्रदर्शन: विकास का आधारभूत ढाँचा Q2 FY26 की वृद्धि का स्रोत व्यापक और बहुआयामी रहा। विनिर्माण, निर्माण और सेवाओं—इन तीनों क्षेत्रों ने मिलकर विकास को न केवल मजबूत आधार दिया, बल्कि संतुलन भी सुनिश्चित किया। 1. विनिर्माण—स्वदेशी उत्पादन का उभार विनिर्माण क्षे...

India’s Rare Earth Magnet Mission: Boosting Tech Independence and Green Energy Leadership

भारत का "रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट मिशन": स्वदेशीकरण, रणनीतिक स्वायत्तता और हरित प्रौद्योगिकी की दिशा में परिवर्तनकारी कदम भारत ने 27 नवंबर 2025 को 7,280 करोड़ रुपये की लागत वाली जिस “रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट मिशन” को मंजूरी दी है, वह न केवल औद्योगिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है, बल्कि वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य में भारत की स्थिति मजबूत करने वाला ऐतिहासिक निर्णय भी है। यह मिशन भविष्य की उन सभी प्रौद्योगिकियों का आधार है, जिन पर 21वीं सदी की ऊर्जा व्यवस्था, डिजिटल अवसंरचना और रक्षा क्षमता निर्भर करती है। दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों का बढ़ता महत्व नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन (NdFeB) और सैमेरियम-कोबाल्ट (SmCo) जैसे उच्च-प्रदर्शन स्थायी चुंबक आधुनिक तकनीकी जगत की अनिवार्य इकाइयाँ हैं। इनका उपयोग अनेक अत्याधुनिक क्षेत्रों में होता है, जैसे— विद्युत वाहनों (EVs) के ट्रैक्शन मोटर्स में पवन ऊर्जा के डायरेक्ट-ड्राइव टरबाइनों में रक्षा प्रणालियों —मिसाइल गाइडेंस, रडार, सोनार और एयरोस्पेस में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स —स्मार्टफोन, लैपटॉप, हार्ड डिस्क ड्राइव मेडिकल उपकर...

Assam Polygamy Prohibition Bill 2025: A Landmark Step Toward Gender Justice

असम बहुविवाह निषेध विधेयक 2025: लैंगिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सार 27 नवंबर 2025 को असम विधानसभा द्वारा पारित असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025 भारतीय व्यक्तिगत विधि सुधारों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा 25 नवंबर को सदन में प्रस्तुत इस विधेयक का उद्देश्य बहुविवाह की प्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना तथा छिपाई गई शादियों पर 10 वर्ष तक और प्रत्यक्ष बहुविवाह पर 7 वर्ष तक की कठोर सज़ा देना है। अनुसूचित जनजातियों और छठी अनुसूची क्षेत्रों को इसमें छूट दी गई है, जिससे सांस्कृतिक स्वायत्तता का सम्मान होता है। वैश्विक उदाहरणों, विशेषकर तुर्की के 1926 के सुधारों का उल्लेख करते हुए, राज्य सरकार ने इसे महिला सम्मान और समानता की दिशा में निर्णायक कदम बताया है। यह लेख विधेयक के विधिक ढांचे, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, राजनीतिक निहितार्थों तथा संभावित चुनौतियों का विश्लेषण प्रस्तुत करता है और तर्क देता है कि यह विधेयक विविध सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भों में विवाह संबंधी अधिकारों को पुनर्परिभाषित करने का मार्ग प्रशस्त करता है। परिचय भारत में व्यक्तिगत विधिय...

Ahmedabad to Host 2030 Commonwealth Games | Centenary CWG in India

अहमदाबाद को 2030 शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी: वैश्विक खेल परिदृश्य और भारतीय विरासत के लिए ऐतिहासिक क्षण प्रस्तावना राष्ट्रमंडल खेल—जो विभिन्न सांस्कृतिक, भौगोलिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले 70 से अधिक सदस्य देशों को एक मंच पर लाते हैं—दुनिया के सबसे बड़े बहु-खेल आयोजनों में से एक हैं। 1930 में ब्रिटिश एम्पायर गेम्स के रूप में आरंभ हुआ यह आयोजन आज एक ऐसी परंपरा बन चुका है, जिसमें खेल उत्कृष्टता, पारस्परिक सहयोग और वैश्विक एकता का अनूठा संगम दिखाई देता है। 26 नवंबर 2025 को 74 सदस्य देशों की राष्ट्रमंडल खेल महासभा ने भारत के अहमदाबाद को 2030 शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों के आधिकारिक मेजबान के रूप में चुनकर इतिहास रचा। सौ वर्ष पूरे होने वाले इस विशेष संस्करण की कमान भारत को मिलना न केवल एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता है, बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि भारत वैश्विक खेल प्रशासन, अवसंरचना और आयोजन क्षमता के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित कर चुका है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: 100 वर्षों की यात्रा 1930 के हैमिल्टन (कनाडा) से शुरू होकर केवल 11 देशों और 6 खेलों तक सीमित यह आयोजन आज एक सम...

India–Pakistan Religious Diplomacy: Pakistan’s Reaction to Ayodhya Ram Temple Flag and India’s Strong Response

भारत-पाकिस्तान संबंधों में धार्मिक कूटनीति: अयोध्या राम मंदिर की धर्म-ध्वजा स्थापना पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का प्रतिवाद परिचय दक्षिण एशिया की राजनीति में धर्म लंबे समय से केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान और कूटनीतिक रणनीति का प्रमुख घटक रहा है। विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान संबंधों में धार्मिक प्रतीकवाद अक्सर राजनीतिक तनाव को गहरा करने का माध्यम बन जाता है। 25 नवंबर 2025 को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केसरिया धर्म-ध्वजा की स्थापना इसी संदर्भ का एक महत्वपूर्ण क्षण था। यह समारोह केवल मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का उत्सव ही नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत के पुनर्स्थापन का प्रतीक भी बनकर सामने आया। जहां इस घटना ने भारत में आनंद और सांस्कृतिक गर्व का वातावरण निर्मित किया, वहीं पाकिस्तान ने इसे कठोर भाषा में आलोचना का विषय बनाया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस समारोह को भारत में मुस्लिम विरासत पर “हमला” और अल्पसंख्यकों पर “बढ़ते दमन” के रूप में पेश किया, जबकि भारत ने इसके उत्तर में पाकिस्तान की “नैतिक पात्...

UN Secretary-General Election 2026: Process, Geopolitics & the Future of Global Governance

संयुक्त राष्ट्र महासचिव चुनाव 2026: प्रक्रिया, शक्ति-संतुलन और वैश्विक शासन की नई दिशाएँ (अकादमिक विश्लेषण, नवम्बर 2025) संयुक्त राष्ट्र अपने 79वें वर्ष में निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। नवम्बर 2025 में सुरक्षा परिषद और महासभा अध्यक्ष द्वारा जारी संयुक्त पत्र के साथ 2026 के महासचिव चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वर्तमान महासचिव एंतोनियो गुटेरेश 31 दिसम्बर 2026 को अपने दूसरे कार्यकाल के साथ पद छोड़ेंगे, और उनके उत्तराधिकारी का चयन केवल प्रशासनिक घटना नहीं होगा—यह वैश्विक शासन की प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के भविष्य की दिशा तय करेगा। 1. चयन प्रक्रिया: पारदर्शिता का उभरता मॉडल 2016 के सुधारों के बाद महासचिव चयन ने पहली बार व्यापक सार्वजनिकता और जवाबदेही हासिल की थी। 2026 की प्रक्रिया उन मानकों को और विस्तृत रूप में दोहराने वाली है। संकल्प 70/305 (2016) और 76/264 (2022) के तहत: सभी उम्मीदवारों को टाउन-हॉल शैली की सार्वजनिक सुनवाई में स्वयं को प्रस्तुत करना होगा। उनका विजन स्टेटमेंट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। सिविल सोसाइटी संगठनों व विशेषज्ञ समूहों ...

PM Narendra Modi’s Constitution Day Message: Duty-Oriented Citizenship and India’s Journey Toward Viksit Bharat

संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश: कर्तव्य-उन्मुख नागरिकता और विकसित भारत की दिशा सारांश (Abstract) भारतीय संविधान दिवस (26 नवम्बर) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया संदेश कर्तव्यों-उन्मुख नागरिकता (duty-based citizenship) पर गहरा बल देता है। यह लेख इस संदेश का विश्लेषण भारत में संवैधानिक राष्ट्रवाद, नागरिक दायित्व और शासन-संस्कृति के बदलते विमर्शों के संदर्भ में करता है। अध्ययन यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री का कर्तव्य-केन्द्रित आग्रह भारतीय राजनीतिक विचार, विशेष रूप से गांधी, अंबेडकर और आधुनिक विकास-राज्य की अवधारणा, से कैसे संवाद स्थापित करता है और “विकसित भारत” के व्यापक नैरेटिव में किस प्रकार समाहित होता है। 1. भूमिका (Introduction) संविधान दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री का संदेश केवल एक औपचारिक वक्तव्य नहीं था, बल्कि समकालीन भारतीय शासन-दर्शन में कर्तव्यों की पुनर्परिभाषा का महत्वपूर्ण प्रयास भी था। जहाँ भारत का राजनीतिक विमर्श लंबे समय से अधिकार-केंद्रित रहा है, वहीं प्रधानमंत्री का आग्रह यह संकेत देता है कि अधिकार और कर्तव्य दोनों एक-दूसरे को पूरक करत...

Chandigarh’s Administrative Future: Article 240, Federal Structure Debate and the Emerging Punjab–BJP Crisis

चंडीगढ़ का प्रशासनिक भविष्य: संघीय ढांचे, अनुच्छेद 240 और पंजाब भाजपा के संकट का समग्र विश्लेषण चंडीगढ़—भारतीय संघीय ढांचे का एक अनूठा उदाहरण—1966 से पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी तथा केंद्रशासित प्रदेश (UT) के रूप में विकसित हुआ है। सुव्यवस्थित नियोजन, उच्च मानव विकास सूचकांक और प्रशासनिक मॉडल के कारण यह न केवल एक आधुनिक शहर का प्रतीक बन चुका है, बल्कि संघ-राज्य संबंधों का सबसे संवेदनशील मुद्दा भी रहा है। 2025 में चंडीगढ़ की प्रशासनिक स्थिति को लेकर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संविधान संशोधन और इसके चलते पंजाब भाजपा में उत्पन्न असंतोष ने इस विवाद को पुनः राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ला दिया है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: चंडीगढ़ विवाद की जड़ें 1. विभाजन और पंजाब का पुनर्गठन (1947–1966) 1947 में लाहौर के पाकिस्तान में चले जाने के बाद पंजाब को एक नई राजधानी की आवश्यकता थी। इस आवश्यकता के परिणामस्वरूप 1953 में चंडीगढ़ का निर्माण प्रारंभ हुआ। आज़ादी के बाद यह भारत की प्रथम प्रयोगात्मक प्लांड सिटी थी। 1966 में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत: पंजाब और हरियाणा का गठन हुआ, चंडीगढ़ ...

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China’s 2025 Mega Naval Deployment: Expanding Maritime Power in East Asian Waters

China's Maritime Power Projection in East Asian Waters: An Analysis of the 2025 Deployment Abstract दिसंबर 2025 में चीन ने पूर्वी एशियाई समुद्री क्षेत्रों में अपने अब तक के सबसे व्यापक नौसैनिक अभियान को अंजाम दिया, जिसमें 100 से अधिक नौसेना और कोस्ट गार्ड पोत शामिल थे। यह घटना, जिसे पहले रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया, क्षेत्र में शक्ति-संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है। यह शोध-पत्र इस तैनाती के पैमाने, उद्देश्यों और संभावित सुरक्षा प्रभावों का विश्लेषण करता है। अध्ययन यह तर्क प्रस्तुत करता है कि यद्यपि इसे “नियमित प्रशिक्षण” के रूप में प्रस्तुत किया गया, लेकिन यह तैनाती चीन की ग्रे-ज़ोन रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पारंपरिक सैन्य प्रदर्शन को कूटनीतिक दबाव के साथ मिश्रित कर बिना प्रत्यक्ष युद्ध में प्रवेश किए प्रभुत्व स्थापित करने का प्रयास किया जाता है। Introduction इंडो-पैसिफिक क्षेत्र 21वीं सदी में सामरिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन चुका है। समुद्री क्षेत्रों पर नियंत्रण न केवल व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि यह महाशक्तियों के भू-राजनीतिक प्रभाव का भी मापक...

Declining Quality of India’s Legislative Process: Impact of Passing 70% Bills Without Committee Review in 2025

“भारत की घटती विधायी गुणवत्ता: 2025 में 70% विधेयक बिना समिति परीक्षण के पारित होने के प्रभाव” प्रस्तावना भारत की संसदीय प्रणाली विश्व की सबसे विशाल और बहुस्तरीय लोकतांत्रिक संरचनाओं में से एक है। तथापि, पिछले एक दशक में संसद की विधायी प्रक्रिया में एक चिंताजनक प्रवृत्ति उभरी है—विधेयकों को बिना विभागीय स्थायी समितियों (Departmentally Related Standing Committees – DRSCs) के परीक्षण के सीधे पारित करना। PRS Legislative Research के आंकड़े बताते हैं कि 16वीं लोकसभा (2014–2019) में जहाँ केवल 25% विधेयक बिना समिति परीक्षण के पारित हुए थे, वहीं 17वीं लोकसभा (2019–2024) में यह संख्या बढ़कर 60% हो गई। 18वीं लोकसभा के प्रारंभिक तीन सत्रों (जून 2024–अगस्त 2025) के दौरान यह आँकड़ा और बढ़कर 70% तक पहुँच गया। वर्ष 2025 के तीनों सत्रों (बजट, मानसून और शीतकालीन) के दौरान कुल 47 विधेयकों में से केवल 14 ही समिति को भेजे गए। यह प्रवृत्ति न केवल संख्यात्मक रूप से चिंताजनक है, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक विधिनिर्माण की गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही की मूलभूत संरचनाओं पर गंभीर प्रभाव छोड़ती है। स्थ...

Justice Suryakant Becomes the 53rd Chief Justice of India: A New Direction for the Judiciary and Key Constitutional Challenges

भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति सूर्य कांत : न्यायपालिका की नई दिशा का उद्घोष 24 नवंबर 2025 भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक नए अध्याय का आरंभ होगा, जब न्यायमूर्ति सूर्य कांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। वे न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के उत्तराधिकारी बनेंगे, जिनका कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हुआ। न्यायमूर्ति गवई की विदाई न केवल एक संवैधानिक पदावनति का क्षण थी, बल्कि सामाजिक न्याय की यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव भी—क्योंकि वे स्वतंत्र भारत के प्रथम बौद्ध और दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश रहे। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई : संवैधानिक साहस और सामाजिक न्याय की विरासत न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल कई दृष्टियों से ऐतिहासिक रहा। उन्होंने उन पीठों का नेतृत्व या सदस्यता निभाई, जिनके निर्णयों ने भारतीय संघवाद, लोकतांत्रिक जवाबदेही और व्यक्तिगत अधिकारों के विमर्श को गहराई से प्रभावित किया। अनुच्छेद 370 निर्णय संविधान पीठ के सदस्य के रूप में उन्होंने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय को संवैधानिक ठहराने ...

IAS Santosh Verma Controversy: How a Reservation Remark Turned Daughters into “Objects of Donation”

IAS संतोष वर्मा का विवादित बयान – जब आरक्षण की आड़ में बेटियों को “दान” की वस्तु बना दिया गया नमस्कार साथियों, कभी-कभी एक वाक्य इतना शक्तिशाली होता है कि वह पूरे समाज की धड़कनें बदल देता है। आईएएस संतोष वर्मा का हालिया बयान बिल्कुल ऐसा ही था—चिंगारी की तरह फेंका गया और पलक झपकते ही आग बन गया। उन्होंने कहा— “जब तक ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं देगा, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” इस एक वाक्य ने पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति, समाज और प्रशासन को हिला दिया। सड़कें गरम, सोशल मीडिया उफान पर, और सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। लेकिन इस विवाद के शोर में एक बहुत महत्वपूर्ण सवाल दब गया— क्या अंतरजातीय विवाह वास्तव में सामाजिक बराबरी का सटीक पैमाना हैं? विवाद का संक्षिप्त लेकिन पूरा घटनाक्रम 23 नवंबर 2025 – भोपाल, अंबेडकर मैदान। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (AJAKS) की बैठक में नए अध्यक्ष संतोष वर्मा भाषण दे रहे थे। आरक्षण पर बहस के बीच उन्होंने “रोटी-बेटी संबंध” का जिक्र किया—जो कई नेता पहले भी करते रहे हैं। लेकिन आगे जो कहा, वही विस...

Fatima Bosch Fernández and Miss Universe Controversy: A New Global Debate on Gender Respect and Dignity

फ़ातिमा बोश फ़र्नांडीज़ और मिस यूनिवर्स विवाद: गरिमा, लैंगिक सम्मान और वैश्विक विमर्श का नया अध्याय भूमिका मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताएँ अक्सर ग्लैमर और मनोरंजन की सुर्खियों तक सीमित मानी जाती हैं, लेकिन वर्ष 2025 की विजेता फ़ातिमा बोश फ़र्नांडीज़ के इर्द-गिर्द उभरा घटनाक्रम इससे कहीं अधिक व्यापक सामाजिक संदेश देता है। केवल कुछ दिन पहले एक प्रभावशाली अधिकारी द्वारा कैमरे के सामने “ dumb ” कहकर उनका अपमान किया गया। किंतु परिणाम घोषित होते ही वही महिला—दृढ़, शांत और आत्मविश्वासी—वैश्विक मंच पर सौंदर्य से अधिक सम्मान और सहनशक्ति का प्रतीक बनकर उभरी। यह विवाद केवल एक मॉडल की व्यक्तिगत यात्रा नहीं है; यह लैंगिक गरिमा , सार्वजनिक भाषा की मर्यादा , कार्यस्थल में शक्ति असमानता , और महिला-सम्मान से जुड़ी व्यापक समस्याओं को उजागर करता है। UPSC के दृष्टिकोण से यह घटना सामाजिक-नैतिक मूल्यों , महिला अधिकारों , और सार्वजनिक संस्थानों की जवाबदेही जैसे बड़े विमर्शों से जुड़ी है। घटना का सार 16 नवंबर 2025 को आयोजित मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फ़ातिमा “du...

Temple–Mosque Dispute: Path to Resolution or Escalation of Tensions?

मंदिर–मस्जिद विवाद: समाधान का मार्ग या तनाव का विस्तार? एक समग्र विश्लेषण परिचय भारतीय समाज में धार्मिक स्थलों को लेकर उत्पन्न होने वाले विवाद कोई नई बात नहीं हैं। इतिहास, आस्था और राजनीति—इन तीनों के संगम पर खड़े ऐसे मुद्दे अक्सर समाज को विचार-विमर्श और टकराव, दोनों की ओर ले जाते हैं। हाल ही में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक के.के. मुहम्मद ने एक इंटरव्यू में सुझाव दिया है कि धार्मिक विवादों को अयोध्या, मथुरा और ज्ञानवापी जैसे तीन स्थलों तक सीमित रखा जाए। उन्होंने ताजमहल के “हिंदू मूल” के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए चेताया कि नए और आधारहीन दावे सामाजिक तनाव को और बढ़ाएँगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई हिस्सों में धार्मिक स्थलों को लेकर अदालती कार्यवाहियाँ जारी हैं और जनमत निरंतर विभाजित हो रहा है। यह लेख इसी पृष्ठभूमि में यह समझने का प्रयास करता है कि क्या और अधिक विवाद उठाना न्याय की ओर बढ़ना होगा या केवल तनाव को ही बढ़ाएगा। ऐतिहासिक संदर्भ भारत का इतिहास धार्मिक संरचनाओं के निर्माण–विध्वंस और पुनर्निर्माण की घटनाओं से भरा पड़ा...

DynamicGK.in: Rural and Hindi Background Candidates UPSC and Competitive Exam Preparation

डायनामिक जीके: ग्रामीण और हिंदी पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों के सपनों को साकार करने का सहायक लेखक: RITU SINGH भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है, खासकर उन अभ्यर्थियों के लिए जो ग्रामीण इलाकों से आते हैं या हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। अंग्रेजी-प्रधान संसाधनों की भरमार में हिंदी भाषी छात्रों को अक्सर कठिनाई होती है। ऐसे में dynamicgk.in जैसी वेबसाइट एक वरदान साबित हो रही है। यह न केवल सामान्य ज्ञान (जीके) और समसामयिक घटनाओं पर केंद्रित है, बल्कि ग्रामीण और हिंदी पृष्ठभूमि के युवाओं के सपनों को साकार करने में विशेष रूप से सहायक भूमिका निभा रही है। इस लेख में हम समझेंगे कि यह प्लेटफॉर्म कैसे इन अभ्यर्थियों की मदद करता है। हिंदी माध्यम की पहुंच: भाषा की बाधा को दूर करना ग्रामीण भारत में अधिकांश छात्र हिंदी माध्यम से पढ़ते हैं, लेकिन अधिकांश प्रतियोगी परीक्षा संसाधन अंग्रेजी में उपलब्ध होते हैं। dynamicgk.in इस कमी को पूरा करता है। वेबसाइट का अधिकांश कंटेंट हिंदी में उपलब्ध है, जो हिंदी भाषी अभ्यर्थियों को सहज रूप से समझने में मद...

India’s Strong Economic Momentum: A Comprehensive Analysis of Q2 FY26 GDP Growth Amid Global Challenges

भारत की सुदृढ़ आर्थिक प्रगति: वैश्विक चुनौतियों के बीच Q2 FY26 की GDP वृद्धि का विश्लेषण भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी अंतर्निहित मजबूती का परिचय दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े इस तथ्य को मजबूती से रेखांकित करते हैं कि वैश्विक अनिश्चितताओं—विशेषकर अमेरिकी व्यापार शुल्कों—के बावजूद भारत की विकास गति प्रभावशाली बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, वास्तविक GDP वृद्धि 8.2% तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 5.6% और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 7.8% से स्पष्ट रूप से अधिक है। यह छह तिमाहियों में सर्वाधिक वृद्धि है, जो भारत की आर्थिक संरचना की सहनशीलता और नीति-निर्माण की तत्परता को दर्शाती है। क्षेत्रीय प्रदर्शन: विकास का आधारभूत ढाँचा Q2 FY26 की वृद्धि का स्रोत व्यापक और बहुआयामी रहा। विनिर्माण, निर्माण और सेवाओं—इन तीनों क्षेत्रों ने मिलकर विकास को न केवल मजबूत आधार दिया, बल्कि संतुलन भी सुनिश्चित किया। 1. विनिर्माण—स्वदेशी उत्पादन का उभार विनिर्माण क्षे...

Parasocial Relationships in the AI Era: Why Cambridge’s 2025 Word of the Year Signals a New Social Reality

पैरासोशल संबंधों का उदय—डिजिटल युग का नया सामाजिक संकट कैम्ब्रिज डिक्शनरी द्वारा वर्ष 2025 के लिए “parasocial” शब्द को वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया जाना मात्र भाषाई घटना नहीं, बल्कि हमारे समय के सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज़ है। यह उस युग की स्वीकृति है जहाँ मनुष्य का गहनतम संबंध किसी जीवित व्यक्ति से नहीं, बल्कि एक एल्गोरिदम या स्क्रीन पर दिखने वाली हस्ती से बन रहा है। एकतरफा घनिष्ठता की जड़ें 1956 में हॉर्टन और वोल ने पैरासोशलिटी को उस भ्रमपूर्ण संबंध के रूप में परिभाषित किया जहाँ दर्शक किसी मीडिया हस्ती के प्रति घनिष्ठता महसूस करता है, जबकि वह हस्ती उससे पूर्णतः अनजान रहती है। तब यह अनुभव रेडियो और टीवी तक सीमित था—एकतरफा, पर नियंत्रित। परन्तु आज यह अवधारणा नियंत्रण से बाहर जा चुकी है। AI ने पैरासोशल संबंधों को नया रुप दिया कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने इस वर्ष एक साहसिक कदम उठाते हुए पैरासोशल की परिभाषा में AI और बड़े भाषा मॉडल्स के साथ बनने वाले भावनात्मक लगाव को भी शामिल कर लिया है। यह निर्णय बताता है कि तकनीक अब केवल उपकरण नहीं, बल्कि रिश्तों का विकल्प बन चुकी है। Replika, Charact...

UPSC 2024 Topper Shakti Dubey’s Strategy: 4-Point Study Plan That Led to Success in 5th Attempt

UPSC 2024 टॉपर शक्ति दुबे की रणनीति: सफलता की चार सूत्रीय योजना से सीखें स्मार्ट तैयारी का मंत्र लेखक: Arvind Singh PK Rewa | Gynamic GK परिचय: हर साल UPSC सिविल सेवा परीक्षा लाखों युवाओं के लिए एक सपना और संघर्ष बनकर सामने आती है। लेकिन कुछ ही अभ्यर्थी इस कठिन परीक्षा को पार कर पाते हैं। 2024 की टॉपर शक्ति दुबे ने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि एक बेहद व्यावहारिक और अनुशासित दृष्टिकोण के साथ सफलता की नई मिसाल कायम की। उनका फोकस केवल घंटों की पढ़ाई पर नहीं, बल्कि रणनीतिक अध्ययन पर था। कौन हैं शक्ति दुबे? शक्ति दुबे UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर हैं। यह उनका पांचवां  प्रयास था, लेकिन इस बार उन्होंने एक स्पष्ट, सीमित और परिणामोन्मुख रणनीति अपनाई। न उन्होंने कोचिंग की दौड़ लगाई, न ही घंटों की संख्या के पीछे भागीं। बल्कि उन्होंने “टॉपर्स के इंटरव्यू” और परीक्षा पैटर्न का विश्लेषण कर अपनी तैयारी को एक फोकस्ड दिशा दी। शक्ति दुबे की UPSC तैयारी की चार मजबूत आधारशिलाएँ 1. सुबह की शुरुआत करेंट अफेयर्स से उन्होंने बताया कि सुबह उठते ही उनका पहला काम होता था – करेंट अफेयर्...