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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

PM Modi’s France Visit: A New Chapter in India-France Relations

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा: भारत-फ्रांस संबंधों में एक नया अध्याय

     संकेतित चित्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10-12 फरवरी 2025 की फ्रांस यात्रा भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग का प्रमाण है। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं, जिनमें रक्षा, व्यापार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऊर्जा, और विज्ञान-तकनीक जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। इस यात्रा का सबसे प्रमुख आकर्षण AI एक्शन समिट 2025 रहा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने सह-अध्यक्षता की।

यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब भारत और फ्रांस अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी 1998 में स्थापित हुई थी, और तब से यह लगातार मजबूत होती गई है। 2023 में पीएम मोदी को बास्तील दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण था।

भारत-फ्रांस संबंधों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

भारत और फ्रांस के संबंध 17वीं शताब्दी से चले आ रहे हैं, जब फ्रांसीसी व्यापारियों ने पांडिचेरी, चंद्रनगर, माहे, कराईकल और यानम में अपनी बस्तियां स्थापित की थीं। औपनिवेशिक काल में भी, फ्रांस ने भारत में अपनी सांस्कृतिक और व्यापारिक उपस्थिति बनाए रखी।

स्वतंत्रता के बाद, भारत और फ्रांस के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए। 1998 में रणनीतिक साझेदारी बनने के बाद दोनों देशों ने रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया। 2015 में पेरिस जलवायु समझौते के दौरान भारत और फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की स्थापना की, जो अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी पहल थी।

प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा के प्रमुख पहलू

1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने AI एक्शन समिट 2025 की सह-अध्यक्षता की, जिसमें दोनों देशों ने AI के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग पर जोर दिया। इस सम्मेलन में दुनिया भर के AI विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया।

भारत और फ्रांस ने "Responsible AI for All" (सभी के लिए जिम्मेदार AI) पहल की शुरुआत की, जिसके तहत दोनों देश स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में AI के उपयोग को बढ़ावा देंगे।

2. रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग

फ्रांस, भारत का एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार रहा है। दोनों देशों के बीच पहले से ही राफेल लड़ाकू विमानों और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों को लेकर सहयोग चल रहा है। इस यात्रा में "सह-निर्माण और सह-विकास" के सिद्धांत पर रक्षा उद्योग में साझेदारी बढ़ाने की योजना बनाई गई।

भारत और फ्रांस ने "Horizon 2047 Defense Partnership" की घोषणा की, जिसके तहत दोनों देश भविष्य की रक्षा जरूरतों को देखते हुए संयुक्त अनुसंधान और विकास करेंगे। हाइपरसोनिक मिसाइल, ड्रोन टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता दी गई।

अंतरिक्ष सहयोग की बात करें तो, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी (CNES) के बीच गगनयान मिशन को लेकर चर्चा हुई, जिसमें फ्रांस ने अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में सहायता देने का वादा किया।

3. व्यापार और निवेश

फ्रांस भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, और 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 20 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-फ्रांस CEO फोरम को संबोधित किया, जिसमें दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं ने हिस्सा लिया।

फ्रांस की कई कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं, खासकर नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में। प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांसीसी कंपनियों को "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" अभियानों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

4. परमाणु ऊर्जा और हरित ऊर्जा सहयोग

भारत और फ्रांस ने जैतापुर में चल रही परमाणु ऊर्जा परियोजना को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। जैतापुर परमाणु संयंत्र दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा, और यह भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।

साथ ही, दोनों देशों ने ग्रीन हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने "2030 हरित साझेदारी" पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहयोग बढ़ेगा।

5. सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया। यह दूतावास भारतीय छात्रों, व्यापारियों और प्रवासियों को सहायता प्रदान करेगा।

शिक्षा के क्षेत्र में, भारत और फ्रांस ने "शिक्षा और कौशल विकास साझेदारी" को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता किया, जिससे भारतीय छात्रों को फ्रांस में पढ़ाई के लिए अधिक अवसर मिलेंगे।

इस यात्रा का रणनीतिक महत्व

1. बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग

भारत और फ्रांस संयुक्त राष्ट्र, G20, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया।

2. इंडो-पैसिफिक रणनीति

भारत और फ्रांस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को संतुलित करने के लिए साझेदारी बढ़ा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक ट्राइलेटरल डायलॉग को मजबूत करने पर चर्चा की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो सकता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। यह यात्रा भारत-फ्रांस संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में किए गए समझौते भविष्य में दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

भारत और फ्रांस की इस मजबूत साझेदारी से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि वैश्विक राजनीति, व्यापार और सुरक्षा के संतुलन को भी नया आकार मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत और फ्रांस आने वाले दशकों तक "साझेदारी के नए आयाम" स्थापित करने के लिए तैयार हैं।


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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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