डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को बाहर निकालने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने WHO पर COVID-19 महामारी से निपटने में असफलता का आरोप लगाया। यह निर्णय न केवल अमेरिका की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
ट्रंप का WHO से असंतोष
ट्रंप ने WHO पर महामारी के दौरान चीन का पक्ष लेने और प्रभावी कार्रवाई में विफल रहने का आरोप लगाया। यह उनके पिछले कार्यकाल से चला आ रहा मुद्दा था, जब उन्होंने WHO की फंडिंग रोकने का प्रयास किया था।
प्रभाव और चुनौतियां
1. वैश्विक स्वास्थ्य पर प्रभाव: WHO से अमेरिका के अलग होने से संगठन की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका WHO का सबसे बड़ा वित्तीय योगदानकर्ता है।
2. अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कमी: महामारी जैसे वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए देशों के बीच समन्वय आवश्यक है। अमेरिका के इस निर्णय से अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. राजनीतिक विवाद: यह कदम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अमेरिका की स्थिति को कमजोर कर सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अन्य देश इस निर्णय पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। साथ ही, क्या अमेरिका इस निर्णय को पलटने का विचार करेगा, यह भी एक प्रश्न है।
ट्रंप के इस कदम ने एक बार फिर अमेरिका की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति को उजागर किया है। यह निर्णय वैश्विक स्वास्थ्य प्रबंधन में नए सवाल खड़े करता है।
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