मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2023: भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक और गौरवशाली क्षण जुड़ने जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार देश का सर्वोच्च सिनेमाई सम्मान है, जिसे भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है।
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में सम्मान
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 23 सितंबर को आयोजित होने वाले 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह समारोह भारतीय फिल्म जगत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा क्योंकि मोहनलाल चार दशक से अधिक के अपने करियर में कला, अभिनय और समाजसेवा का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते आए हैं।
मोहनलाल: मलयालम सिनेमा के ‘कंप्लीट एक्टर’
मोहनलाल को फिल्म जगत में ‘कंप्लीट एक्टर’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1978 में फिल्म थिरानोत्तम से करियर की शुरुआत की और आज तक 340 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने एक्शन, रोमांस, ड्रामा, कॉमेडी और ऐतिहासिक फिल्मों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उनकी कुछ यादगार फिल्में हैं – कीरीदम, भरतहम, चिथराम, नारायणम, पुलिमुरुगन आदि।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
मोहनलाल को भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पहले भी कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।
- 5 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
- 9 बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार
- पद्मश्री (2001)
- पद्म भूषण (2019)
उनकी लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं है; विदेशों में रहने वाले मलयाली समुदाय के बीच भी वे एक सांस्कृतिक प्रतीक हैं।
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का महत्व
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा के पितामह माने जाने वाले दादासाहेब फाल्के की स्मृति में 1969 से प्रदान किया जा रहा है। यह पुरस्कार फिल्मों के क्षेत्र में आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। अब तक इसे सत्यजीत रे, राजकपूर, दिलीप कुमार, अमोल पालेकर, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत और आशा भोंसले जैसी हस्तियों को दिया जा चुका है।
मलयालम सिनेमा और भारतीय पहचान
मोहनलाल का यह सम्मान केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है बल्कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की रचनात्मकता और गुणवत्ता की अंतरराष्ट्रीय पहचान भी है। इससे यह स्पष्ट है कि भारतीय सिनेमा क्षेत्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर विविधता में एकता का संदेश देता है।
निष्कर्ष
मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2023 मिलना भारतीय सिनेमा के लिए गर्व का विषय है। यह सम्मान न केवल उनके अभिनय कौशल को मान्यता देता है, बल्कि उस सांस्कृतिक विरासत को भी रेखांकित करता है जिसे उन्होंने चार दशकों से अधिक समय में आकार दिया है। 23 सितंबर का दिन भारतीय फिल्म उद्योग के लिए ऐतिहासिक रहेगा।
यूपीएससी प्रीलिम्स अभ्यास प्रश्न (कथन आधारित MCQs)
प्रश्न 1
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
- यह 1969 में दादासाहेब फाल्के की स्मृति में शुरू किया गया था।
- यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- (a) केवल 1
- (b) केवल 1 और 2
- (c) केवल 1 और 3
- (d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d)
प्रश्न 2
मोहनलाल के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- मोहनलाल मुख्यतः मलयालम फिल्म उद्योग से जुड़े हैं।
- उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पद्मभूषण दोनों सम्मान मिल चुके हैं।
- वे दक्षिण भारत के पहले अभिनेता हैं जिन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार मिला।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- (a) केवल 1 और 2
- (b) केवल 1
- (c) केवल 2 और 3
- (d) 1, 2 और 3
उत्तर: (a)
(क्योंकि इससे पहले दक्षिण भारत के कई दिग्गज जैसे रजनीकांत, के. बालाचंदर आदि को भी यह पुरस्कार मिल चुका है।)
प्रश्न 3
निम्नलिखित युग्मों में कौन-सा सही सुमेलित है?
व्यक्ति / पुरस्कार प्राप्तकर्ता | क्षेत्र / पहचान |
---|---|
(a) मोहनलाल – दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2023 | भारतीय सिनेमा में योगदान |
(b) दादासाहेब फाल्के – प्रथम भारतीय फिल्म निर्देशक | “राजा हरिश्चंद्र” (1913) |
(c) अमिताभ बच्चन – दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2019 | भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान |
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
- (a) केवल (a) और (b)
- (b) केवल (b) और (c)
- (c) केवल (a) और (c)
- (d) (a), (b) और (c)
उत्तर: (d)
प्रश्न 4
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
- प्रथम राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह 1954 में आयोजित हुआ था।
- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी इसी समारोह में प्रदान किया जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- (a) केवल 1
- (b) केवल 1 और 2
- (c) केवल 2 और 3
- (d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d)
प्रश्न 5
भारतीय सिनेमा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार किसी एक उत्कृष्ट फिल्म के लिए दिया जाता है।
- यह भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान को मान्यता देता है।
- मोहनलाल को वर्ष 2023 के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- (a) केवल 1
- (b) केवल 2 और 3
- (c) केवल 1 और 2
- (d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा
दादासाहेब फाल्के और उनसे जुड़ा भारतीय सिनेमा का योगदान UPSC के लिए एक महत्त्वपूर्ण विषय रहा है, खासकर GS पेपर 1 (भारतीय समाज व संस्कृति), GS पेपर 2 (नीतिगत पहल व मंत्रालयों की भूमिका) और निबंध के संदर्भ में।
मैंने UPSC के पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों और ट्रेंड का अध्ययन किया है, उसका सारांश इस प्रकार है:
1. प्रत्यक्ष प्रश्न (Direct Questions)
- अभी तक UPSC CSE Mains (GS) में “दादासाहेब फाल्के पुरस्कार” पर सीधा प्रश्न नहीं पूछा गया है।
- लेकिन भारतीय सिनेमा के विकास, सांस्कृतिक प्रभाव, फिल्म उद्योग के सुधारों, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की भूमिका आदि विषयों पर प्रश्न आए हैं।
- जैसे: “भारतीय सिनेमा के सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव का विश्लेषण कीजिए” या “भारतीय समाज में सिनेमा की भूमिका पर चर्चा कीजिए”। ऐसे प्रश्नों में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार को उदाहरण के रूप में लिखना स्कोर बढ़ा सकता है।
2. अप्रत्यक्ष प्रश्न (Indirect/Linked Questions)
- UPSC ने अक्सर भारतीय कला व संस्कृति के अंतर्गत परफॉर्मिंग आर्ट्स (नृत्य, संगीत, नाटक, सिनेमा) पर प्रश्न पूछे हैं।
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, सेंसर बोर्ड, भारतीय फिल्मों का वैश्वीकरण, OTT प्लेटफॉर्म और सूचना व प्रसारण मंत्रालय जैसे विषयों पर चर्चा होती रही है।
- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार को आप “भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान” बताकर इन प्रश्नों में जोड़ सकते हैं।
3. निबंध में उपयोगिता
- निबंध में “भारतीय संस्कृति का वैश्वीकरण”, “मीडिया और समाज”, “भारतीय सॉफ्ट पावर” या “सांस्कृतिक एकता” जैसे विषयों में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का उल्लेख करने से उत्तर और मजबूत बनता है।
4. यूपीएससी एप्रोच
- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत (1969), उद्देश्य (आजीवन योगदान), प्रस्तुत करने वाली संस्था (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय/फिल्म समारोह निदेशालय), और प्रमुख प्राप्तकर्ता (सत्यजीत रे, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, मोहनलाल) जैसी बुनियादी जानकारी तैयार रखना उपयोगी है।
- UPSC के प्रश्न कभी भी करंट अफेयर्स के साथ जोड़े जा सकते हैं। उदाहरण: “दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2023 के संदर्भ में भारतीय सिनेमा की भूमिका पर चर्चा कीजिए”।
🔎 संक्षेप में:
- अब तक दादासाहेब फाल्के पुरस्कार पर सीधा प्रश्न नहीं आया,
- लेकिन भारतीय सिनेमा व संस्कृति पर हर कुछ वर्षों में प्रश्न आते रहते हैं,
- इस पुरस्कार की जानकारी और हालिया प्राप्तकर्ता (जैसे मोहनलाल) का नाम करंट अफेयर्स के रूप में याद रखना लाभकारी होगा।
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