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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Supreme Court Verdict on Waqf (Amendment) Act 2025: Key Highlights, Implications & Reactions

📰 सुप्रीम कोर्ट का वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर फैसला: आसान शब्दों में

पृष्ठभूमि – वक्फ क्या होता है?

वक्फ वह संपत्ति है जिसे मुस्लिम लोग धार्मिक, पवित्र या समाज-सेवा के काम के लिए स्थायी रूप से दान कर देते हैं। इसमें मस्जिदें, कब्रिस्तान, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल या गरीबों की मदद के लिए जमीन और इमारतें शामिल हो सकती हैं।
भारत में लगभग 9.4 लाख वक्फ संपत्तियां और 6 लाख एकड़ जमीन वक्फ के अंतर्गत आती हैं।

1995 में वक्फ अधिनियम बना था, लेकिन समय के साथ इसमें कई समस्याएं आईं—जैसे भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और संपत्तियों पर विवाद।
इसीलिए सरकार ने 2025 में इस कानून में बदलाव किए।


2025 में क्या बड़े बदलाव हुए?

  • बिना लिखित दस्तावेज वाली वक्फ संपत्ति (Waqf-by-user) मान्यता खत्म।
  • जिला कलेक्टरों को वक्फ विवाद निपटाने की शक्ति देने का प्रस्ताव।
  • वक्फ बोर्ड और परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल करना
  • वक्फ बनाने के लिए कम से कम 5 साल मुस्लिम होने की शर्त

सरकार का तर्क था कि इससे पारदर्शिता आएगी, गलत दावों पर रोक लगेगी और संपत्ति का सही उपयोग होगा।
लेकिन कई लोगों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 26) के खिलाफ बताया।


सुप्रीम कोर्ट का 15 सितंबर 2025 का फैसला – क्या रोका, क्या बरकरार?

🔴 जिन प्रावधानों पर रोक लगी:

  • 5 साल मुस्लिम होने की शर्त – कोर्ट ने कहा यह धर्मांतरण करने वालों और गैर-प्रैक्टिसिंग मुसलमानों के लिए भेदभावपूर्ण है।
  • जिला कलेक्टर को विवाद निपटाने की शक्ति – कोर्ट ने कहा यह वक्फ ट्रिब्यूनल की भूमिका को खत्म करता है और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।

🟡 जिन प्रावधानों में संशोधन हुआ:

  • केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्य 12 से घटाकर 4 और
    राज्य वक्फ बोर्डों में 7 से घटाकर 3
  • वक्फ बोर्ड के सीईओ मुसलमान होना वरीयता

🟢 जिन प्रावधानों को बरकरार रखा गया:

  • Waqf-by-user हटाना, लेकिन 8 अप्रैल 2025 तक पंजीकृत संपत्तियां सुरक्षित।
  • सुरक्षित स्मारकों, आदिवासी भूमि या पुरातात्विक स्थलों पर वक्फ दावा नहीं होगा।
  • चल रही कार्यवाही के दौरान कोई वक्फ संपत्ति ट्रांसफर नहीं होगी।

फैसले के असर – कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक

  • कानूनी असर: धार्मिक संपत्तियों पर पारदर्शिता और डिजिटाइजेशन को बढ़ावा; वक्फ बोर्डों की जवाबदेही बढ़ेगी।
  • सामाजिक असर: मुस्लिम समुदाय में विविधता और आंतरिक मुद्दों पर ध्यान; धार्मिक स्वतंत्रता भी सुरक्षित।
  • राजनीतिक असर: सरकार और विपक्ष के बीच बहस; चुनावी राज्यों में इसका असर हो सकता है।

किसकी क्या प्रतिक्रिया आई?

  • सरकार: फैसले का स्वागत किया, इसे सुधारों की पुष्टि बताया।
  • मुस्लिम संगठन (जैसे AIMPLB): फैसले को अधूरा बताया, कुछ प्रावधान हटाने की मांग की।
  • सोशल मीडिया: कुछ ने इसे “न्याय की जीत” कहा, कुछ ने “धार्मिक मामलों में अति-हस्तक्षेप” बताया।

इसका मतलब आम लोगों के लिए

  • वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन पहले से ज्यादा पारदर्शी होगा।
  • विवादों के लिए ट्रिब्यूनल की भूमिका बनी रहेगी, न कि सिर्फ प्रशासन की।
  • धार्मिक स्वतंत्रता और सरकारी नियंत्रण – दोनों के बीच संतुलन बनेगा।

निष्कर्ष – आगे का रास्ता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का उद्देश्य “धार्मिक संपत्तियों की रक्षा और पारदर्शिता” होना चाहिए, न कि किसी को भेदभाव करना।
अब सरकार, विपक्ष और मुस्लिम संगठनों को साथ बैठकर ऐसा कानून तैयार करना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो।


एक वाक्य में:
यह फैसला वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता को बढ़ाता है, विवादों पर निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी देता है और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है।


📝 संभावित UPSC प्रश्न

1. Prelims (MCQ प्रकार)

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रावधान वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 में शामिल किया गया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी?
    (a) वक्फ-बाय-यूजर को हटाना
    (b) वक्फ बनाने के लिए पाँच वर्ष तक इस्लाम का पालन करने की शर्त
    (c) संरक्षित स्मारकों पर वक्फ दावा प्रतिबंध
    (d) केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्य घटाना

    उत्तर: (b)

  2. ‘वक्फ’ शब्द का सही अर्थ क्या है?
    (a) सरकारी संपत्ति का निजीकरण
    (b) धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संपत्ति का स्थायी दान
    (c) पंचायत भूमि का सामुदायिक उपयोग
    (d) विदेशी दान की निगरानी

    उत्तर: (b)

  3. भारत में वक्फ संपत्तियों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

    1. वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन 1995 के वक्फ अधिनियम के तहत होता है।
    2. भारत में लगभग 9.4 लाख वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं।
    3. सुप्रीम कोर्ट ने “वक्फ-बाय-यूजर” को संवैधानिक मानते हुए पूरी तरह बरकरार रखा है।

    सही विकल्प चुनिए:
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 2 और 3
    (c) केवल 1 और 3
    (d) 1, 2 और 3

    उत्तर: (a)


2. Mains (GS Paper 2/GS Paper 3)

  1. प्रश्न:
    “सुप्रीम कोर्ट का वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर अंतरिम फैसला धार्मिक स्वायत्तता और राज्य नियमन के बीच संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” चर्चा कीजिए।

    संकेत बिंदु:

    • अनुच्छेद 25–26 (धार्मिक स्वतंत्रता)
    • पारदर्शिता व डिजिटाइजेशन
    • जिला कलेक्टर बनाम ट्रिब्यूनल
    • मुस्लिम समुदाय के अधिकार व चिंताएं
    • भविष्य के लिए नीतिगत सुझाव
  2. प्रश्न:
    “भारत में धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए वक्फ अधिनियम 2025 के सुप्रीम कोर्ट फैसले से क्या सबक मिलते हैं?”

    • धार्मिक न्यास और ट्रस्टों पर इसका प्रभाव
    • अन्य समुदायों (जैसे हिंदू धार्मिक न्यास) के लिए संभावित मिसाल
  3. प्रश्न:
    “वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारत के अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा और प्रशासनिक सुधार – दोनों के बीच संतुलन का उदाहरण है।” आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।


3. Essay / Ethics Paper

निबंध विषय:

  • “धार्मिक संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बनाम स्वायत्तता – वक्फ अधिनियम 2025 से सीख”
  • “भारत के बहुलवादी लोकतंत्र में आस्था और जवाबदेही का संतुलन”

4. Interview / Personality Test संभावित प्रश्न

  • सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के किन प्रावधानों पर रोक लगाई? क्यों?
  • “वक्फ-बाय-यूजर” क्या है और इसे क्यों हटाया गया?
  • क्या वक्फ अधिनियम 2025 का निर्णय अन्य धार्मिक ट्रस्टों के लिए एक मिसाल बन सकता है?
  • आपके विचार में धार्मिक संस्थाओं पर सरकारी नियंत्रण कितना होना चाहिए?



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