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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

GST 2.0: Festival of Savings and a Step Towards a Self-Reliant India

नई GST प्रणाली: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक क्रांतिकारी कदम

21 सितंबर 2025 की आधी रात से भारत ने एक नई आर्थिक यात्रा की शुरुआत की है। नई दो-स्तरीय वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “बचत उत्सव” का नाम दिया, न केवल कर संरचना को सरल बनाती है, बल्कि आम लोगों के जीवन को और सुगम बनाने का वादा करती है। यह बदलाव न सिर्फ आर्थिक सुधार का प्रतीक है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। 

नई GST संरचना: सरलता और पारदर्शिता का प्रतीक

नई GST प्रणाली ने पहले की जटिल कर संरचना को अलविदा कहते हुए केवल दो मुख्य कर दरें—5% और 18%—लागू की हैं। 12% और 28% की दरों को हटाकर सरकार ने कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, शराब, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक्स, महंगी कारों और यॉट जैसी लक्ज़री वस्तुओं पर 40% की विशेष कर दर लागू की गई है। यह कदम न केवल सामान्य उपयोग की वस्तुओं को सस्ता करेगा, बल्कि विलासिता की वस्तुओं पर उच्च कर लगाकर सामाजिक और आर्थिक संतुलन को भी बढ़ावा देगा।

इसके अतिरिक्त, व्यापारियों के लिए GST रिटर्न भरने की प्रक्रिया को और सरल किया गया है। यह न केवल छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए राहत की बात है, बल्कि व्यापार में पारदर्शिता और अनुपालन को भी प्रोत्साहित करेगा। यह प्रणाली न केवल व्यापारियों के लिए समय और संसाधनों की बचत करेगी, बल्कि सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को और मजबूत करेगी।

आम जनता के लिए राहत का उत्सव

नई GST प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ आम लोगों को मिलेगा। दूध, दही, घी, पनीर, किताबें, और शिक्षा सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुओं पर कर की दरें कम होने से इनकी कीमतों में कमी आएगी। सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन, और दवाइयों जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर भी कम कर दरों का असर दिखेगा। यह बदलाव मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा, क्योंकि उनकी मासिक बचत में वृद्धि होगी। 

हालांकि, लक्ज़री सामान और गैर-आवश्यक वस्तुओं पर कर की दर बढ़ाकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जो लोग विलासिता पर खर्च करते हैं, वे अर्थव्यवस्था में अधिक योगदान दें। यह न केवल सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है, बल्कि सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी प्रदान करेगा, जिसका उपयोग जनकल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकता है।

आर्थिक प्रभाव: ₹2.5 लाख करोड़ की बचत

प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया है कि इस नई GST प्रणाली से देश को ₹2.5 लाख करोड़ की बचत होगी। यह राशि न केवल आम लोगों की जेब में वापस आएगी, बल्कि व्यापारियों, उद्यमियों और युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करेगी। यह बचत उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को बढ़ाएगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और आर्थिक चक्र को गति मिलेगी। 

इसके साथ ही, यह प्रणाली छोटे और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सरल कर प्रणाली और कम अनुपालन लागत से उद्यमी अपने व्यवसाय को और अधिक कुशलता से चला सकेंगे, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की है। “यह स्वदेशी है” का नारा केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक आर्थिक रणनीति है, जो स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देगी और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करेगी। स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से न केवल हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि लाखों कारीगरों, किसानों और छोटे उद्यमियों को भी सशक्त बनाया जाएगा। 

नवरात्रि के पहले दिन, 22 सितंबर 2025 से लागू इस नई GST प्रणाली का समय भी प्रतीकात्मक है। यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है—एक ऐसी शुरुआत जो न केवल आर्थिक सुधार लाएगी, बल्कि देशवासियों में आत्मविश्वास और गर्व की भावना को भी जागृत करेगी।

निष्कर्ष: एक उज्ज्वल भविष्य की ओर

नई दो-स्तरीय GST प्रणाली भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह आम लोगों की जेब को राहत देगी, व्यापार को सरल बनाएगी, और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह सुधार न केवल आर्थिक नीतियों का सरलीकरण है, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन भी है, जो हर भारतीय को “स्वदेशी” के गर्व के साथ जोड़ता है। 

आइए, इस “बचत उत्सव” में शामिल हों और नई GST प्रणाली के साथ एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें। यह बदलाव केवल कर की दरों का नहीं, बल्कि हमारे देश के भविष्य का है।

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