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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

India's Passport Ranking Drops to 148th in 2025: Global Trends and Analysis

पासपोर्ट रैंकिंग 2025: भारत की स्थिति और वैश्विक परिदृश्य

हाल ही में जारी ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में आयरलैंड को दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट करार दिया गया है, जबकि पाकिस्तान सबसे निचले स्थान पर है। इस वर्ष भारत की रैंकिंग में एक स्थान की गिरावट देखी गई है, जिससे यह अब 148वें स्थान पर पहुँच गया है।

India's Passport Ranking Drops to 148th in 2025: Global Trends and Analysis


भारत की रैंकिंग में गिरावट के कारण

भारत के नागरिकों को बहुत कम देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा मिलती है, जिससे भारत की पासपोर्ट रैंकिंग प्रभावित हुई है। इस साल भारत का पासपोर्ट स्कोर 47.5 अंक रहा, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है। इसकी प्रमुख वजहें निम्नलिखित हैं:

  • अन्य देशों की तुलना में भारतीय पासपोर्ट की वीजा-मुक्त पहुंच सीमित है।भारत के नागरिकों को बहुत से देशों में वीजा हासिल करने में कठिनाई होती है।
  • अंतरराष्ट्रीय छवि का प्रभाव। भारत की अन्तर्राष्ट्रीय छवि में सुधार की जरूरत है, क्योंकि इसके कारण भारतीय पासपोर्ट की ताकत में कमी आयी है।
  • भारत मे नागरिकता और दोहरी नागरिकता की नीतियों में कड़े नियम हैं।

वैश्विक परिदृश्य

शीर्ष स्थान पर कौन?

इस साल दुनिया का सबसे मजबूत पासपोर्ट आयरलैंड का है, जिसके नागरिकों को दुनिया के कई देशों में बिना वीजा यात्रा की सुविधा प्राप्त है। इसके बाद स्विट्जरलैंड, ग्रीस, पुर्तगाल और माल्टा के पासपोर्ट सबसे ताकतवर माने गए हैं।

सबसे कमजोर पासपोर्ट

सबसे कमजोर पासपोर्ट की सूची में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सीरिया शामिल हैं। इन देशों के नागरिकों को बहुत कम देशों में वीजा-फ्री यात्रा की सुविधा मिलती है।

पासपोर्ट की ताकत कैसे तय होती है?

पासपोर्ट की ताकत को मापने के लिए कुछ प्रमुख कारक होते हैं:

1. वीजा-फ्री यात्रा की संख्या (50% वेटेज)

2. देश की वैश्विक प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिति (20% वेटेज)

3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सुरक्षा का स्तर (10-15% वेटेज)

निष्कर्ष

भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में सुधार के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार एवं पर्यटन बढ़ाने तथा वीजा-मुक्त यात्रा सुविधाओं का विस्तार करने की दिशा में काम करना होगा।

क्या भारत आने वाले वर्षों में अपनी पासपोर्ट रैंकिंग सुधार पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।

यह खबर UPSC GS Paper 2 (Governance, International Relations, और Polity) से संबंधित है।

कैसे संबंधित है?

1. अंतरराष्ट्रीय संबंध (International Relations) – पासपोर्ट की ताकत देशों के बीच राजनयिक संबंधों (Diplomatic Relations) पर निर्भर करती है। भारत की रैंकिंग में गिरावट इस बात को दर्शाती है कि अन्य देशों के साथ वीजा-मुक्त समझौते सीमित हैं।

2. गवर्नेंस और नीति (Governance & Policy) – भारत की वीजा नीतियाँ, विदेश नीति, और नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाएँ इस विषय के अंतर्गत आती हैं।

3. वैश्विक सूचकांक (Global Indices & Reports) – UPSC में अक्सर विभिन्न वैश्विक रैंकिंग और इंडेक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं। यह खबर ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स से जुड़ी है, जो परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

4. आर्थिक प्रभाव (Economic & Trade Impact) – किसी देश का पासपोर्ट व्यापार, पर्यटन, और निवेश पर प्रभाव डालता है, जो कि भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता से जुड़ा हुआ मुद्दा है।

UPSC में कैसे प्रश्न आ सकते हैं?

1. ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स क्या है, और यह किन कारकों पर आधारित होता है?

2. भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में गिरावट के पीछे क्या कारण हैं?

3. पासपोर्ट ताकत और देश की कूटनीति के बीच क्या संबंध है?

4. भारत की वीजा नीति और विदेशी यात्राओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?

निष्कर्ष: UPSC GS Paper 2 के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है, और इसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों, वैश्विक शासन, और नीति निर्माण के दृष्टिकोण से समझना चाहिए।

UPSC (GS Paper 2) के लिए संभावित अन्य प्रश्न:


 वैचारिक प्रश्न (Conceptual Questions)


1. ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स क्या है? यह किन कारकों पर आधारित होता है?

2. भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में लगातार गिरावट के पीछे प्रमुख कारण क्या हैं?

3. पासपोर्ट की ताकत किसी देश की अंतरराष्ट्रीय छवि और कूटनीति को कैसे प्रभावित करती है?

विश्लेषणात्मक प्रश्न (Analytical Questions)


4. भारत की वीजा नीति का उसकी वैश्विक स्थिति और विदेश नीति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

5. विकसित देशों की तुलना में भारत के नागरिकों को वीजा-मुक्त यात्रा की कम सुविधा क्यों मिलती है?

6. भारत की पासपोर्ट रैंकिंग सुधारने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं?

 करंट अफेयर्स आधारित प्रश्न (Current Affairs-Based Questions)


7. हाल ही में जारी पासपोर्ट रैंकिंग 2025 में भारत की स्थिति क्या रही?

8. दुनिया का सबसे ताकतवर और सबसे कमजोर पासपोर्ट किन देशों के पास है?

9. आयरलैंड का पासपोर्ट सबसे मजबूत क्यों माना गया है?

4. नीति व प्रशासनिक दृष्टिकोण (Policy & Governance-Based Questions)


10. पासपोर्ट रैंकिंग में सुधार के लिए भारत की सरकार को कौन-से नीतिगत सुधार करने चाहिए?

11. टूरिज्म और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत को अपनी वीजा नीतियों में क्या बदलाव करने चाहिए?

12. क्या भारत को वीजा ऑन अराइवल (Visa on Arrival) और ई-वीजा सुविधाओं को अधिक देशों तक विस्तारित करना चाहिए?

निष्कर्ष:

यह विषय अंतरराष्ट्रीय संबंध, विदेश नीति, वैश्विक सूचकांक, और शासन नीति से संबंधित है, जो UPSC GS Paper 2 के लिए महत्वपूर्ण बनाता है। उम्मीदवारों को इस मुद्दे को राजनयिक, आर्थिक, और प्रशासनिक दृष्टिकोण से समझने की जरूरत है।

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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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