Skip to main content

MENU👈

Show more

Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंध

भारत और इंडोनेशिया के वैदेशिक संबंधों का विश्लेषण करने से निम्नलिखित प्रमुख बिंदु प्रकट होते हैं:

1. राजनीतिक और ऐतिहासिक संबंध

राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में इंडोनेशिया को दिए गए समर्थन को याद किया। भारत ने डच उपनिवेशवाद के खिलाफ इंडोनेशिया का समर्थन किया था, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहता था।

यह संबंध 1950 में पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो की उपस्थिति से शुरू हुआ और अब सुबियांतो की इस वर्ष की गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति इसे मजबूत करती है।

2. आर्थिक सहयोग

इंडोनेशिया ने भारतीय व्यापार समूहों को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। इसमें बंदरगाह, हवाई अड्डे, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं।

इंडोनेशिया भारतीय अस्पताल चेन, डॉक्टरों और तकनीशियनों को अपने देश में आमंत्रित करना चाहता है ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हो सके।

3. रक्षा और सामरिक सहयोग

दोनों देशों ने हाल ही में रक्षा सहयोग समझौते को मंजूरी दी है।

इंडोनेशिया ने एक उच्चस्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल भारत भेजने की योजना बनाई है।

समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी और कट्टरपंथ को समाप्त करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बात हुई।

4. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बाली जात्रा’ का उल्लेख किया, जो भारत और इंडोनेशिया के प्राचीन व्यापारिक संबंधों का प्रतीक है।

भारत ने जावा में प्रांबनन मंदिर के संरक्षण के लिए योगदान देने की घोषणा की।

5. अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहयोग

दोनों देश ASEAN और Indo-Pacific क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत नेविगेशन की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत ने हाल ही में BRICS में इंडोनेशिया की सदस्यता का समर्थन किया, जो उनके दक्षिण-दक्षिण सहयोग को दर्शाता है।

6. समझौते (MoUs)

स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा, संस्कृति, और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में समझौते किए गए।

इंडोनेशिया भारत की विकास योजनाओं और सामाजिक योजनाओं को अपनाने की रुचि दिखा रहा है।

निष्कर्ष

यह यात्रा भारत और इंडोनेशिया के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। रक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग से दोनों देशों को लाभ होगा। यह साझेदारी न केवल द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करेगी बल्कि ASEAN और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता को भी प्रोत्साहित करेगी।

श्रोत- The Hindu


Comments

Advertisement

POPULAR POSTS