संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...
पहलगाम आतंकी हमला 2025: सामान्य स्थिति के भ्रम से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा की असल चुनौती तक एक समग्र विश्लेषण भूमिका 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में सामान्य स्थिति की स्थापना और विकास को प्राथमिकता दी। इसके समर्थन में पर्यटकों की भारी आमद, फिल्मों की शूटिंग, और स्थानीय चुनावों की सफलता को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया गया। लेकिन अप्रैल 2025 में पहलगाम के पास बाइसारन घास के मैदान में हुआ आतंकी हमला — जिसमें 26 नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी गई — इस तथाकथित ‘सामान्य स्थिति’ के भ्रम को तोड़ता है। यह न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा, कूटनीतिक स्थिरता और राष्ट्रीय एकता के लिए गंभीर चुनौती भी है। 1. सामान्य स्थिति बनाम सुरक्षा की हकीकत पर्यटन, आर्थिक गतिविधि और शांतिपूर्ण चुनाव सामान्य स्थिति के संकेत हो सकते हैं, लेकिन जब घाटी में आतंकियों के पास M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियार हों और वे सेना की वर्दी में आम नागरिकों की हत्या कर रहे हों, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सतही शांति के नीचे हिंसा का एक सुनियोजित नेटवर्क जी...