करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: एनडीए की स्थिति, संवैधानिक महत्व और UPSC दृष्टिकोण भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया भर नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था, गठबंधन राजनीति और संसदीय संतुलन की कसौटी भी है। 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद सदस्य मतदान कर रहे हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार राधाकृष्णन को बढ़त हासिल मानी जा रही है। इस संदर्भ में यह चुनाव कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। संवैधानिक और संस्थागत महत्व भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 तक उपराष्ट्रपति के पद का उल्लेख किया गया है। यह पद केवल संवैधानिक औपचारिकता नहीं, बल्कि राज्यसभा के सभापति के रूप में संसदीय कार्यवाही की निष्पक्षता और संतुलन का दायित्व भी निभाता है। उपराष्ट्रपति सरकार और विपक्ष के बीच संतुलनकारी भूमिका निभाते हैं। यह चुनाव संसद की आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रेखांकित करता है। राजनीतिक दृष्टिकोण से एनडीए द्वारा राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाना केवल गणितीय मजबूती नहीं, बल्कि रणनीतिक संकेत भी है: संसद में मजबूत उपस्थिति और क्षेत्रीय दलों का सहयोग। वि...