करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Global Child Deprivation Crisis: Key Insights from UNICEF’s State of the World’s Children 2025 Report
वैश्विक बाल-वंचना का संकट: UNICEF की ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2025’ रिपोर्ट का विश्लेषण भूमिका संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) द्वारा विश्व बाल दिवस (20 नवंबर 2025) के अवसर पर जारी की गई रिपोर्ट “The State of the World’s Children 2025: Ending Child Poverty – Our Shared Imperative” वैश्विक बाल-वंचना पर गंभीर चिंताएँ व्यक्त करती है। रिपोर्ट के अनुसार, निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में हर पाँच में से एक से अधिक बच्चा, अर्थात् लगभग 400 मिलियन बच्चे, स्वास्थ्य, विकास और समग्र कल्याण के लिए आवश्यक कम से कम दो बुनियादी कारकों से वंचित हैं। यह आंकड़ा न केवल गरीबी की बहु-आयामी प्रकृति को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मौजूदा वैश्विक विकास ढांचे में बच्चों के अधिकार किस तरह संकटग्रस्त बने हुए हैं। बहु-आयामी बाल-वंचना की प्रकृति रिपोर्ट का प्रमुख योगदान यह है कि यह बाल गरीबी को केवल आय आधारित मानकों से नहीं, बल्कि बहु-आयामी वंचनाओं के समुच्चय के रूप में समझती है। इसमें निम्नलिखित कारक शामिल हैं— उचित पोषण, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, शिक्षा, सुरक्षा और संरक्षण, सुरक्षित आवास एवं ...