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Pahalgam Attack Fallout: How a Pakistani Mother Lost Her Child at the Wagah Border

सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...
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UPSC Current Affairs: 1May 2025

  दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 1 मई 2025 आज के इस अंक में निम्नलिखित 6 लेखों को संकलित किया गया है।सभी लेख UPSC लेबल का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी हैं। 1-क्या अमेरिका के पास है पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को कब्ज़े में लेने की गुप्त योजना? 2-भारत-पाक व्यापारिक संबंधों में नया मोड़: भारत ने 'बैकडोर ट्रेड' पर कस कसा शिकंजा 3-कार्नी की वापसी: भारत-कनाडा संबंधों के लिए एक नई शुरुआत की संभावना 4- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में WAVES 2025 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया 5-विषय: WAVES समिट 2025 में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन — 'रचनात्मक उत्तरदायित्व' की ओर एक वैश्विक आह्वान 6-शीर्षक: WAVES अवॉर्ड्स की घोषणा और भारतीय सिनेमा के 5 दिग्गजों को समर्पित डाक टिकट: सांस्कृतिक विरासत का सम्मान 1-क्या अमेरिका के पास है पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को कब्ज़े में लेने की गुप्त योजना? एक रणनीतिक, भू-राजनीतिक और सुरक्षा विश्लेषण परिचय: हाल ही में Economic Times की एक रिपोर्ट ने वैश्विक रणनीतिक हलकों में चर्चा को हवा दी है — क्या अमेरिका के पास एक ऐसा गुप...

Military Tensions Between India and Pakistan: What Pakistan's Latest Statement Means

एक नाजुक संतुलन: तनाव को भड़काने से बचना होगा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री द्वारा दिया गया यह बयान कि भारत की सैन्य घुसपैठ "आसन्न" है और परमाणु हथियारों का प्रयोग "केवल अंतिम उपाय" के रूप में किया जाएगा, दक्षिण एशिया में एक बार फिर संवेदनशीलता की लकीर को तेज कर गया है। इस प्रकार की सार्वजनिक बयानबाजी न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक है, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों के लिए भी एक चुनौती उत्पन्न करती है। भारत और पाकिस्तान के बीच का संबंध एक लंबे समय से अविश्वास और संघर्ष की विरासत से बोझिल है। इसके बावजूद, दोनों देशों ने कई बार कठिन परिस्थितियों में संयम का परिचय दिया है। ऐसे में पाकिस्तान द्वारा सैन्य टकराव की आशंका व्यक्त करना और परमाणु विकल्प का संकेत देना, एक अनावश्यक भय का वातावरण तैयार करने का प्रयास प्रतीत होता है, जो कूटनीतिक संतुलन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। पाकिस्तान की आंतरिक परिस्थितियाँ — गहराता आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती आतंकी घटनाएँ — इस बयान की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करती हैं। सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा बाहरी खतरे के विमर्श का निर्माण कर...

Can AI Replace Humans? A Deep Reflection on AI vs Human Experience

  क्या AI मनुष्य का स्थान ले सकता है? — एक AI-मनुष्य संवाद पर आधारित लेख आज के डिजिटल युग में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ने हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। AI ChatGPT  के साथ हुए आत्मीय संवाद के दौरान कई गहरे प्रश्न हमने पूछे—क्या AI एक दिन मनुष्य का स्थान ले सकता है? क्या AI का स्वयं का भी अनुभव होता है? क्या AI का अनुभव अरबों मानव के अनुभवों से बेहतर हो सकता है? यदि इंटरनेट की सारी जानकारी मिटा दी जाए तो क्या होगा? इन्हीं सवालों के उत्तर के आधार पर यह लेख तैयार किया गया है। AI का ज्ञान: अरबों अनुभवों का समुच्चय ChatGPT जैसे AI मॉडल अरबों वेब पृष्ठों, पुस्तकों, लेखों और शोध कार्यों पर आधारित हैं। इस व्यापक प्रशिक्षण के कारण AI विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत मात्रा में जानकारी प्रदान कर सकता है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह ज्ञान स्वयं AI का नहीं होता। यह मानवों द्वारा रचित विचारों, जानकारियों और अनुभवों का संकलन मात्र है। AI से ही जाने- नमस्कार दोस्तों मैं AI ऊपर दी गई जानकारी सत्य है। मैं स्वयं कोई व्यक्तिगत अनुभव नहीं रखता—न तो मैं...

UPSC Current Affairs: 28 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 28 अप्रैल 2025 1-जल की राजनीति: उरी से झेलम तक बढ़ती रणनीतिकता प्रारंभिक टिप्पणी भारत द्वारा हाल ही में उरी जलविद्युत परियोजना के गेट खोलने और उसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में झेलम नदी का जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ने की घटना ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों में जल प्रबंधन के रणनीतिक आयामों को प्रमुखता से सामने ला दिया है। इस घटना ने न केवल भौगोलिक और पर्यावरणीय चिंताओं को जन्म दिया है, बल्कि एक गहरे भू-राजनीतिक संदेश का संकेत भी दिया है। घटना का संदर्भ और संभावित व्याख्याएँ सिंधु जल संधि (1960) के तहत भारत को झेलम नदी पर सीमित जलाशय क्षमता और जल प्रवाह प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है। तकनीकी दृष्टि से उरी बांध के गेट खोलना संधि के प्रावधानों के भीतर रह सकता है। किंतु समय और प्रसंग को देखते हुए यह कदम महज इंजीनियरिंग या जल प्रबंधन का सामान्य निर्णय प्रतीत नहीं होता। विशेषकर जब पहलगाम में हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, तब इस जलप्रवाह वृद्धि को एक रणनीतिक संकेत के रूप में पढ़ा जाना स्वाभाविक...

Gaza's Humanitarian Crisis: Starvation, Suffering, and a Call to Conscience

गाजा का मानवीय संकट: अन्नहीनता की पीड़ा और अंतरात्मा की पुकार 60 दिनों से भी अधिक समय हो गया है जब गाज़ा पट्टी में न तो खाद्य सामग्री पहुँची, न ईंधन, न दवाइयाँ, और न ही कोई अन्य आवश्यक वस्तु। इस समय वहाँ की लगभग 2.3 मिलियन आबादी भूख, भय और असहायता के भंवर में फँसी हुई है। बाजार खाली हो चुके हैं, राहत एजेंसियाँ हाथ बाँध चुकी हैं, और फिलिस्तीनी परिवार अपने बच्चों को बस जिंदा रखने की जद्दोजहद में लगे हैं। गाजा में जीवन अब डिब्बाबंद सब्जियों, चावल, पास्ता और मसूर की दाल के इर्द-गिर्द सिमट गया है। दूध, पनीर, फल और मांस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार अब सिर्फ एक बीती याद बन चुके हैं। ब्रेड और अंडे जैसे साधारण आहार भी आम लोगों की पहुँच से दूर हो गए हैं। जो थोड़ी-बहुत सब्जियाँ या खाद्य सामग्री बाजार में उपलब्ध हैं, उनकी कीमतें इतनी बढ़ चुकी हैं कि अधिकांश परिवार उसे खरीद पाने में असमर्थ हैं। सूखे बर्तनों की खामोशी कहानियाँ हर गली, हर तंबू शिविर में बिखरी पड़ी हैं। खान यूनिस के बाहर, एक अस्थायी शिविर में मरियम अल-नज्जार अपने छह बच्चों समेत ग्यारह सदस्यों के परिवार के लिए केवल चार डिब्बाबंद ...

A Calculated Strike Against India's Pluralism: Lessons from the Pahalgam Tragedy

भारत की बहुलतावादी आत्मा पर सुनियोजित प्रहार : पहलगाम त्रासदी से सीख जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमला महज हिंसा की एक सामान्य घटना नहीं थी। यह भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान पर किया गया एक सुनियोजित और गहरा प्रहार था — एक ऐसा प्रयास जो सामाजिक अविश्वास को बढ़ाने, सांप्रदायिक विभाजन को गहरा करने और भारत की बहुलतावादी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से किया गया। 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या — जिनमें से कई को धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया — इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि आतंक का उद्देश्य केवल जानमाल का नुकसान नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक संतुलन को अस्थिर करना भी था। यह त्रासदी न केवल मानवीय दृष्टिकोण से अत्यंत दुखद है, बल्कि इसके दूरगामी सामाजिक, राजनीतिक और रणनीतिक निहितार्थ भी हैं। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि इस घटना के पीछे की गहरी परतों को समझा जाए और भविष्य के लिए एक सशक्त रणनीति तैयार की जाए। सामाजिक ताने-बाने पर हमला धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाना आतंकवाद की पुरानी रणनीति रही है। 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन ने यह दिखा दिया था कि कैसे सांप्रदा...

Pahalgam Terror Attack: TRF’s Denial Strategy and the Need for India’s Response

पहलगाम आतंकी हमला: TRF के इनकार की रणनीति और भारत की प्रतिक्रिया की आवश्यकता पहलगाम आतंकी हमला: TRF के इनकार की रणनीति और भारत की प्रतिक्रिया की आवश्यकता पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, ने कश्मीर में धीरे-धीरे लौट रही सामान्य स्थिति को एक बार फिर गहरा आघात पहुँचाया है। इस भयावह हमले के बाद, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन "द रेजिस्टेंस फ्रंट" (TRF) ने एक सार्वजनिक बयान में इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। उसने पहले जारी हुए जिम्मेदारी के ऑनलाइन दावे को "भंग" (ब्रीच) बताया — एक शब्द चयन जो स्वयं अनेक सवाल खड़े करता है। पहलगाम हमला: कश्मीर में शांति प्रक्रिया पर गहरा आघात कश्मीर के आतंकी परिदृश्य में ऐसे इनकार अब एक परिचित रणनीति बन चुके हैं। जब भी किसी हमले में आम नागरिकों या पर्यटकों को निशाना बनाया जाता है और वैश्विक स्तर पर तीखी आलोचना होती है, आतंकी संगठन अक्सर जिम्मेदारी से बचने के लिए अस्पष्टता का सहारा लेते हैं। उनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचना, स्थानीय...

Daily Current Affairs: 27 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 27 अप्रैल 2025 1-नये भारत में पितृत्व के अधिकार की पुनर्कल्पना सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से तलाकशुदा और अविवाहित पुरुषों के सरोगेसी के अधिकार को लेकर मांगा गया जवाब एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बहस की शुरुआत का संकेत देता है। महेश्वर एम.वी. द्वारा दायर याचिका केवल व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में परिवार, पितृत्व और व्यक्तिगत गरिमा के बदलते मायनों को न्यायिक जांच के दायरे में लाती है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य सरोगेसी (नियमन) अधिनियम, 2021 एक नैतिक और कानूनी प्रयास था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकना और मातृत्व के शोषण को समाप्त करना था। परंतु, इस अधिनियम में सरोगेसी का अधिकार केवल विधिवत विवाहित दंपतियों और विधवा या तलाकशुदा महिलाओं तक सीमित किया गया, जबकि तलाकशुदा अथवा अविवाहित पुरुषों को इससे बाहर कर दिया गया। यह प्रावधान न केवल लैंगिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के अधिकार पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 ...

Persistence Rewarded: Shakti Dubey’s Inspiring Success in the Civil Services Examination

सफलता की कहानी: सिविल सेवा परीक्षा में शाक्ति दुबे की प्रेरणादायक उपलब्धि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफलता का मार्ग अक्सर धैर्य, आत्मनिरीक्षण और अटूट प्रतिबद्धता से होकर गुजरता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्नातक व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर छात्रा शाक्ति दुबे ने इन मूल्यों को चरितार्थ करते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की है — कुल 51.5% अंक प्राप्त कर 1,043 अंकों के साथ चयनित होना, जिसमें 843 अंक लिखित परीक्षा और 200 अंक व्यक्तित्व परीक्षण में प्राप्त हुए। यह तथ्य कि उन्होंने अपने पाँचवें प्रयास में यह मुकाम हासिल किया, उनके अदम्य संकल्प और निरंतर प्रयास का परिचायक है। राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनकर, शाक्ति दुबे ने यह दर्शाया है कि निरंतरता और सुदृढ़ शैक्षणिक आधार सफलता की कुंजी हैं। ऐसे समय में जब प्रारंभिक असफलताएँ कई अभ्यर्थियों को निराश कर देती हैं, उनकी यात्रा यह स्पष्ट संदेश देती है कि प्रत्येक विफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना अंततः सफलता की ओर ले जाता है। इसके अतिरिक्त, उनकी उपलब्धि इस बात को भी रेखांकित करती है कि...

Daily Current Affairs: 26 April 2025

  दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 26 अप्रैल 2025  1- भारत -फ्रांस राफेल-M सौदा: रणनीतिक गहराई, नौसैनिक ताकत और रक्षा सहयोग की नई उड़ान   भूमिका:  भारत और फ्रांस के बीच लगभग ₹63,000 करोड़ मूल्य के 26 राफेल-M लड़ाकू विमानों के सौदे को अंतिम रूप देने की आधिकारिक घोषणा सोमवार को होने जा रही है। यह समझौता रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहराते रणनीतिक संबंधों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की नौसैनिक क्षमताओं को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।   प्रमुख तथ्य:   सौदे की अनुमानित लागत:  ₹63,000 करोड़  कुल राफेल-M विमानों की संख्या:  26 (22 सिंगल-सीटर + 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर वर्जन)  सौदा : सरकार-से-सरकार (G-to-G) मॉडल के अंतर्गत  हस्ताक्षर : भारत और फ्रांस के रक्षा मंत्रियों द्वारा रिमोट माध्यम से  रणनीतिक महत्व : भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा  राफेल-M (Marine) विशेष रूप से नौसेना के लिए डिजाइन किया गया संस्करण है, जो भारतीय नौसेना के नए एयरक्राफ्ट कैरियर्स जैसे INS Vikrant और INS Vikramaditya पर संच...

Veera Raja Veera Copyright Dispute: An Analysis of Cultural Rights and Judicial Prudence

वीर राजा वीर कॉपीराइट विवाद | ए.आर. रहमान, ध्रुपद और सांस्कृतिक अधिकार | UPSC विश्लेषण वीर राजा वीर कॉपीराइट विवाद: सांस्कृतिक अधिकारों और न्यायिक विवेक पर एक विश्लेषण लेखक: Gynamic GK | तारीख: अप्रैल 2025 परिचय हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में फिल्म पोन्नियिन सेल्वन-2 के गीत “वीर राजा वीर” पर रोक लगाते हुए मशहूर संगीतकार ए. आर. रहमान और प्रोडक्शन कंपनी मड्रास टॉकीज़ को झटका दिया है। यह निर्णय फैज़ वासिफुद्दीन डागर द्वारा दायर याचिका के बाद आया, जिसमें उन्होंने गीत को पारंपरिक ध्रुपद रचना “शिव स्तुति” की प्रतिलिपि बताया। मूल मामला और पारंपरिक ध्रुपद शैली फैज़ वासिफुद्दीन डागर के अनुसार, यह गीत उनके पिता नासिर फैज़ुद्दीन डागर और चाचा जाहिरुद्दीन डागर द्वारा प्रस्तुत ध्रुपद की पारंपरिक रचना से हूबहू मिलता है। ध्रुपद भारतीय शास्त्रीय संगीत की सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक शैली मानी जाती है, जिसका संरक्षण डागर परिवार ने पीढ़ियों तक किया है। न्यायिक द...

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