करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
एक नाजुक संतुलन: तनाव को भड़काने से बचना होगा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री द्वारा दिया गया यह बयान कि भारत की सैन्य घुसपैठ "आसन्न" है और परमाणु हथियारों का प्रयोग "केवल अंतिम उपाय" के रूप में किया जाएगा, दक्षिण एशिया में एक बार फिर संवेदनशीलता की लकीर को तेज कर गया है। इस प्रकार की सार्वजनिक बयानबाजी न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक है, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों के लिए भी एक चुनौती उत्पन्न करती है। भारत और पाकिस्तान के बीच का संबंध एक लंबे समय से अविश्वास और संघर्ष की विरासत से बोझिल है। इसके बावजूद, दोनों देशों ने कई बार कठिन परिस्थितियों में संयम का परिचय दिया है। ऐसे में पाकिस्तान द्वारा सैन्य टकराव की आशंका व्यक्त करना और परमाणु विकल्प का संकेत देना, एक अनावश्यक भय का वातावरण तैयार करने का प्रयास प्रतीत होता है, जो कूटनीतिक संतुलन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। पाकिस्तान की आंतरिक परिस्थितियाँ — गहराता आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती आतंकी घटनाएँ — इस बयान की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करती हैं। सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा बाहरी खतरे के विमर्श का निर्माण कर...