करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
वंतारा परियोजना विवाद: वन्यजीव संरक्षण, कॉर्पोरेट भूमिका और भारतीय संघवाद भूमिका भारतीय लोकतंत्र में नीतिगत निर्णय केवल प्रशासनिक या आर्थिक विकल्प नहीं होते, बल्कि वे राजनीतिक नैतिकता, संघीय संतुलन और सार्वजनिक हित की कसौटी पर भी परखे जाते हैं। पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जब निजी और कॉर्पोरेट भागीदारी सामने आती है, तो यह बहस और अधिक जटिल हो जाती है। हाल के वर्षों में रिलायंस फाउंडेशन की वंतारा (Vantara) परियोजना इसी विमर्श के केंद्र में रही है। विशेष रूप से तेलंगाना सरकार द्वारा वंतारा के साथ समझौता‑पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर और उससे पूर्व दिल्ली चिड़ियाघर से जुड़े विवाद ने संरक्षण बनाम निजीकरण, राजनीतिक नैतिकता, और केंद्र‑राज्य संबंधों पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। यह निबंध इन सभी आयामों का UPSC GS‑II, GS‑III और निबंध के दृष्टिकोण से समग्र विश्लेषण प्रस्तुत करता है। वंतारा परियोजना: संरक्षण का नया कॉर्पोरेट मॉडल वंतारा गुजरात के जामनगर क्षेत्र में विकसित एक विशाल वन्यजीव बचाव, उपचार और पुनर्वास केंद्र है। इसका उद्देश्य उन वन्यजीवों की देखभाल करना है जो म...