करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
🌎 विश्व सरकार बनाम ट्रम्प का अमेरिका: प्रोजेक्ट 2025 और नई विश्व व्यवस्था का विश्लेषण 🔹 सारांश डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल (2025–2029) में अमेरिका की विदेश नीति ने वैश्विक शासन की अवधारणा को गहराई से चुनौती दी है। “ अमेरिका फर्स्ट ” सिद्धांत अब केवल एक चुनावी नारा नहीं रहा, बल्कि यह अमेरिका की वैचारिक दिशा बन गया है। ट्रम्प प्रशासन की Project 2025 नीति-रूपरेखा, संयुक्त राष्ट्र (UN), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अन्य बहुपक्षीय संस्थाओं के प्रति स्पष्ट असंतोष और दूरी को दर्शाती है। यह लेख तर्क देता है कि अमेरिका अब “विश्व सरकार” जैसी किसी सामूहिक व्यवस्था का नेतृत्व नहीं करना चाहता, बल्कि एक अमेरिका-केंद्रित वैश्विक शक्ति-संतुलन स्थापित करने का प्रयास कर रहा है — जो न केवल बहुध्रुवीय अराजकता को जन्म दे सकता है, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी दीर्घकालिक खतरा बन सकता है। 🔹 परिचय द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका ने एक ऐसी विश्व व्यवस्था का निर्माण किया था जिसे अक्सर “ लिबरल इंटरनेशनल ऑर्डर ” कहा जाता है। इसका उद्देश्य था — वैश्विक शांति, मुक्त व्यापार, और लोकतांत्रिक शासन ...