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Pahalgam Attack Fallout: How a Pakistani Mother Lost Her Child at the Wagah Border

सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...

UPSC Current Affairs in Hindi : 14 April 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन: 14 अप्रैल 2025  1- भारत ने विकसित की अत्याधुनिक लेज़र-निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली: रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि परिचय: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और मील का पत्थर पार करते हुए अत्याधुनिक लेज़र-निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली (Laser-Directed Energy Weapon System) Mk-II(A) का सफल परीक्षण किया है। यह उपलब्धि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा रविवार को घोषित की गई। यह प्रणाली मिसाइलों, ड्रोन और अन्य छोटे प्रक्षेप्य को निष्क्रिय करने की अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है। तकनीकी विशेषताएं: DRDO द्वारा विकसित Mk-II(A) प्रणाली उच्च शक्ति की लेज़र ऊर्जा का प्रयोग कर लक्ष्यों को भौतिक रूप से नष्ट नहीं करती, बल्कि उन्हें अकार्यक्षम बनाकर निष्क्रिय कर देती है। इस प्रणाली के माध्यम से कम दूरी पर अत्यंत सटीकता के साथ उड़ती हुई वस्तुओं को रोका जा सकता है। इसमें लेज़र बीम को लक्षित वस्तु पर केंद्रित कर उसकी कार्यप्रणाली को प्रभावित किया जाता है। रणनीतिक महत्त्व: इस सफलता ने भारत को उन गिने-चुने देशों की श्रेणी में शामिल कर दिया है, जिनके पास उच्च-शक्त...

10 April 2025 Current Affairs in Hindi

UPSC CURRENT Affairs : 10 April 2025  1-ओलंपिक 2028 में क्रिकेट की वापसी: स्वर्ण पदक के लिए भिड़ेंगी 6 देशों की टीमें ओलंपिक खेलों में एक ऐतिहासिक क्षण लौटने जा रहा है, जब 2028 में लॉस एंजिलिस में होने वाले ओलंपिक गेम्स में क्रिकेट को एक बार फिर शामिल किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने इसकी पुष्टि कर दी है कि क्रिकेट को टी20 फॉर्मेट में खेला जाएगा, जिसमें 6 पुरुष और 6 महिला टीमों के बीच मुकाबले होंगे। यह पहली बार नहीं है जब क्रिकेट ओलंपिक में खेला जाएगा, लेकिन लंबे समय बाद इसे दोबारा जगह मिलना इस खेल के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है। खास बात यह है कि ओलंपिक 2028 में क्रिकेट में स्वर्ण पदक के लिए दुनिया की 6 प्रमुख टीमें आमने-सामने होंगी। सूत्रों के अनुसार, इन मुकाबलों को टी20 प्रारूप में आयोजित किया जाएगा, जो तेज़, रोमांचक और दर्शकों में लोकप्रिय है। क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने का उद्देश्य इस खेल को और अधिक वैश्विक बनाना है, जिससे अमेरिका सहित अन्य गैर-पारंपरिक क्रिकेट खेलने वाले देशों में इसकी लोकप्रियता बढ़ाई जा सके। खास तौर पर महिला क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल क...

Manoj Kumar: The Face of Patriotism in Indian Cinema

मनोज कुमार : सिनेमा के परदे पर राष्ट्रभक्ति की संजीवनी भारतीय सिनेमा ने न केवल मनोरंजन का माध्यम बनकर जनमानस को आकर्षित किया है, बल्कि सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रभक्ति की भावना को भी मजबूती प्रदान की है। इस दिशा में मनोज कुमार एक ऐसे अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के रूप में उभरे, जिन्होंने फिल्मों के ज़रिए भारत की आत्मा को सजीव किया। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत उनकी फिल्मों ने उन्हें "भारत कुमार" की उपाधि दिलाई। 1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ में भगत सिंह की भूमिका निभाकर मनोज कुमार ने जिस जीवंतता से क्रांतिकारी चेतना को परदे पर उतारा, वह आज भी दर्शकों के मन में ताजा है। इसके बाद ‘उपकार’ (1967) में उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ के संदेश को सिनेमाई भाषा में ढालकर राष्ट्रीय नेतृत्व के नारे को जन-जन तक पहुँचाया। उनके निर्देशन में बनी ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘क्रांति’ जैसी फिल्में महज फिल्म नहीं थीं, बल्कि वे एक विचार थीं—भारत के सांस्कृतिक आत्मबोध की। मनोज कुमार का सिनेमा केवल भावनात्मक उभार तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सामाजिक यथार्थ को भ...

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट: एक गंभीर चेतावनी

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट: एक गंभीर चेतावनी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की गई जलवायु परिवर्तन पर रिपोर्ट ने वैश्विक समुदाय को एक बार फिर इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराया है। यह रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि अब 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा के बेहद करीब पहुंच चुकी है, जो एक खतरनाक संकेत है। अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं, और मानवता को इसके लिए तैयार नहीं पाया जाएगा। वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव 1. प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बाढ़, सूखा, चक्रवात, और हीटवेव जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और तीव्रता में तेजी से इजाफा हो रहा है। यह आपदाएं न केवल जान-माल की हानि करती हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को भी गहरा आघात पहुंचाती हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि यदि तापमान इसी तरह बढ़ता रहा, तो ऐसी घटनाएं सामान्य होती जाएंगी। 2. जैव विविधता का नुकसान जलवायु परिवर्तन का एक और गंभीर प्रभाव जैव विविधता पर पड़ रहा है। तापमान में वृद्धि और पर्यावरणीय असंतुलन के...

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