संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...
सफलता की कहानी: सिविल सेवा परीक्षा में शाक्ति दुबे की प्रेरणादायक उपलब्धि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफलता का मार्ग अक्सर धैर्य, आत्मनिरीक्षण और अटूट प्रतिबद्धता से होकर गुजरता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्नातक व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर छात्रा शाक्ति दुबे ने इन मूल्यों को चरितार्थ करते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की है — कुल 51.5% अंक प्राप्त कर 1,043 अंकों के साथ चयनित होना, जिसमें 843 अंक लिखित परीक्षा और 200 अंक व्यक्तित्व परीक्षण में प्राप्त हुए। यह तथ्य कि उन्होंने अपने पाँचवें प्रयास में यह मुकाम हासिल किया, उनके अदम्य संकल्प और निरंतर प्रयास का परिचायक है। राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनकर, शाक्ति दुबे ने यह दर्शाया है कि निरंतरता और सुदृढ़ शैक्षणिक आधार सफलता की कुंजी हैं। ऐसे समय में जब प्रारंभिक असफलताएँ कई अभ्यर्थियों को निराश कर देती हैं, उनकी यात्रा यह स्पष्ट संदेश देती है कि प्रत्येक विफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना अंततः सफलता की ओर ले जाता है। इसके अतिरिक्त, उनकी उपलब्धि इस बात को भी रेखांकित करती है कि...