करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Thomas Macaulay ki Mansik Virasat se Mukti: PM Modi ke Ramnath Goenka Vyakhyan ka Vishleshan (2035 Rashtriya Sankalp)
थॉमस मैकाले की विरासत को उलटने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता : प्रधानमंत्री के रामनाथ गोयनका व्याख्यान का समग्र विश्लेषण (17 नवंबर 2025 के रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान पर आधारित मौलिक लेख) भूमिका : एक नए बौद्धिक युग का उद्घोष नई दिल्ली में आयोजित छठे रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय बौद्धिक इतिहास की दिशा बदल देने वाला एक गूढ़ संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2035 , जो लॉर्ड थॉमस बेबिंग्टन मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा नीति के 200 वर्ष पूरे होने का प्रतीक वर्ष होगा, तक भारत को उस “पश्चिमी मानसिकता” से मुक्त हो जाना चाहिए जिसे मैकाले ने योजनाबद्ध औपनिवेशिक उपकरण के रूप में भारतीय मानस में रोपित किया था। प्रधानमंत्री ने इसे “लॉक आउट” की संज्ञा दी — एक ऐसी मानसिक मुक्ति, जो केवल शिक्षा सुधार नहीं बल्कि सांस्कृतिक आत्मविश्वास की पुनर्स्थापना है। यह घोषणा एक दशक के राष्ट्रीय संकल्प का बीज है—ऐसा संकल्प जो भारत की बौद्धिक स्वतंत्रता और सभ्यतामूलक आत्म-पहचान की ओर निर्णायक कदम माना जा रहा है। मैकाले परियोजना का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य : ज्ञान पर शासन, शासन ...