करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
रसायन विज्ञान के नोबेल से पर्यावरण संरक्षण की नई उम्मीद 2025 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों — सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और ओमार एम. याघी — को मिला है। इन तीनों को यह सम्मान मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (Metal-Organic Frameworks – MOFs) पर किए गए उनके अद्वितीय शोध कार्य के लिए दिया गया है। यह खोज न केवल रसायन विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु संकट से निपटने के लिए एक नई उम्मीद भी लेकर आई है। 🔬 क्या हैं मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs)? MOFs को आप “ आणविक स्पंज ” कह सकते हैं। ये सूक्ष्म स्तर पर ऐसे ढाँचे होते हैं जिनमें छोटे-छोटे छिद्र (pores) बने होते हैं। ये छिद्र गैसों और रसायनों को पकड़कर संग्रहित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए — कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन या यहाँ तक कि ‘फॉरएवर केमिकल्स’ (PFAS) जैसे हानिकारक रासायनिक तत्वों को भी ये फँसाकर निष्क्रिय कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि बिजली संयंत्रों और फैक्ट्रियों से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों को रोका जा सकता है, जिससे वैश्विक तापमान वृद्धि को कम करने में मदद मिल सकती है।...