करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Trump–Xi Summit 2025: A Pragmatic Truce in the US–China Trade War and the Battle for Economic Stability
ट्रम्प–शी शिखर सम्मेलन: अमेरिका–चीन व्यापार युद्ध में एक व्यावहारिक युद्धविराम सारांश 30 अक्टूबर 2025 को दक्षिण कोरिया के बुसान स्थित गिम्हे एयर बेस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक ने पिछले सात वर्षों से जारी अमेरिका–चीन व्यापार संघर्ष में एक अस्थायी लेकिन महत्वपूर्ण विराम ला दिया। एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के इतर आयोजित इस वार्ता में दोनों देशों ने एक वर्ष के लिए सीमित समझौता किया, जिसके तहत अमेरिका ने चीनी आयात पर लगने वाले शुल्क को 57% से घटाकर 47% कर दिया। बदले में चीन ने फेंटेनाइल नियंत्रण, दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात और अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीद के लिए ठोस प्रतिबद्धताएँ दीं। ट्रम्प ने इसे “ अद्भुत सफलता ” कहा, जबकि विश्लेषकों का मानना है कि यह किसी व्यापक समाधान के बजाय एक नाजुक युद्धविराम है—जो गहरी आर्थिक और तकनीकी प्रतिस्पर्धा को केवल कुछ समय के लिए स्थगित करता है। परिचय अमेरिका–चीन व्यापार युद्ध की शुरुआत 2018 में ट्रम्प के पहले कार्यकाल में हुई थी। तब से यह केवल शुल्कों तक सीमित नहीं ...